पूर्वी गंगवंश
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पूर्वी गंगवंश (ओड़िया : ଗଙ୍ଗ ବଂଶ ଶାସନ/गंग बंश शासन) भारतीय उपमहाद्वीप का एक हिन्दू राजवंश था। उन्होने कलिंग को राजधानी बनाया। उनके राज्य के अन्तर्गत वर्तमान समय का सम्पूर्ण उड़ीसा तो था ही, इसके साथ ही पश्चिम बंगाल, आन्ध्र प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ के भी कुछ भाग थे।इनका शासन ११वीं शताब्दी से १५वीं शताब्दी तक रहा। उनकी राजधानी का नाम 'कलिंगनगर' था जो वर्तमान समय में आन्ध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिला का श्रीमुखलिंगम है। पहले यह उड़ीसा के गंजम जिले में था। पूर्वी गंगवंश के शासक कोणार्क के सूर्य मन्दिर के निर्माण के लिये प्रसिद्ध हैं।
शासकों की सूची
[संपादित करें]कलिंग शासक (496–1038 ईस्वी)
[संपादित करें]- मित्तवर्मन, वाकाटक शासन के अंतर्गत एक जागीरदार पूर्वी गंगवंश राजा
- इंद्रवर्मन I (496–535), पहला शासक
- सामंतवर्मन (537–562)
- हस्तिवर्मन (562–578)
- इंद्रवर्मन II (578–589)
- दानार्णव (589)
- इंद्रवर्मन III (589–652)
- गुनारव (652–682)
- देवेंद्रवर्मन I (652–682)
- अंतर्काल
- अनंतवर्मन III (808–812)
- राजेंद्रवर्मन II (812–840)
- देवेंद्रवर्मन चतुर्थ (840–885)
- देवेंद्रवर्मन V (885–895)
- गनमहरनव I (895–939)
- वज्रहस्त II या अनंगभीमदेव I (895–939)
- गुंदामा (939–942)
- कामरानवा I (942–977)
- विनायदित्य (977–980)
- वज्रहस्त अन्याभिमा (980–1038)
त्रिकलिंग शासक (1038–1434 ईस्वी)
[संपादित करें]- वज्रहस्त अनंतवर्मन या वज्रहस्ता V (1038–1078)
- राजराजा देवेंद्रवर्मन या राजराजा देवा I (1078)
- अनंतवर्मन चोडगंग (1078–1147)
- जटेश्वर देव (1147–1156)
- राघव देव (1156–1170)
- राजराजा द्वितीय (1170–1178)
- अनंग भीम देव II (1178–1198)
- राजराजा III (1198–1211)
- अनंगभूमि तृतीय या अनंग भीम देव तृतीय (1211–1238)
- नरसिम्हदेव I (1238–1264)
- भानु देव I (1264–1279)
- नरसिंह देव II (1279–1306)
- भानु देव II (1306–1328)
- नरसिंह देव तृतीय (1328–1352)
- भानु देव तृतीय (1352–1379)
- नरसिंह देव IV (1379–1424)
- भानु देव IV (1424–1434), अंतिम शासक
इन्हें भी देखें
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