पूर्वी ईसाई धर्म

पूर्वी ईसाई धर्म में वे ईसाई परंपराएँ और गिरजाघर शामिल हैं जो मूल रूप से पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्र में विकसित हुए। यह शब्द किसी एक संप्रदाय को नहीं, बल्कि विभिन्न धार्मिक समूहों को दर्शाता है। पूर्वी ईसाई धर्म पश्चिमी ईसाई धर्म की तुलना में अलग थी, जो पश्चिमी यूरोप में विकसित हुआ। इसमें रूढ़िवादी, पूर्वी सार्वभौमिक ईसाई जैसे समुदाय शामिल थे।[1] ये परंपराएँ सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक रूप से विशिष्ट हैं।
पूर्वी ईसाई धर्म ऐतिहासिक रूप से मध्य पूर्व क्षेत्रों से घिरा था, इन्हीं क्षेत्रों में ईसाई धर्म की उत्पत्ति मानी जाती है। 7वीं शताब्दी में लेवेंट पर इस्लामी विजय के बाद, "पूर्वी गिरजाघर" शब्द मुख्य रूप से इस्तांबुल में स्थित "ग्रीक गिरजाघर" के लिए प्रयुक्त होने लगा, जो रोम के "लैटिन गिरजाघर" से कई हद तक अलग था। लैटिन गिरजाघर पश्चिमी क्षेत्रों में विकसित हुआ इसके अन्दर लैटिन धार्मिक अनुष्ठानों का पालन किया जाता था।[2]
395 ईस्वी में "पूर्वी" और "पश्चिमी" शब्द ईसाई धर्म में भौगोलिक विभाजन के रूप में किया गया था। यूनानी संस्कृति रोमन साम्राज्य के विभाजन से जुड़ा है। 16वीं शताब्दी के धर्म सुधार के बाद, "पूर्वी ईसाई धर्म" शब्द का उपयोग "पश्चिमी ईसाई धर्म" के विपरीत होने लगा, जिसमें लैटिन गिरजाघर, प्रोटेस्टेंटवाद और स्वतंत्र कैथोलिक धर्म को संर्दभीत करते थे।
कुछ पूर्वी गिरजाघर ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टिकोण से पश्चिमी ईसाई धर्म से अधिक समानता रखते हैं, जिनमें से कई गिरजाघरों ने स्वतंत्र परंपराएँ विकसित की हैं।
संदर्भ
[संपादित करें]- ↑ "21वीं सदी में रूढ़िवादी ईसाई धर्म।". प्यू शोध अनुसंधान केन्द्र की धर्म और सार्वजनिक जीवन पर आधारित परियोजना।. 8 नवम्बर 2017.
रूढ़िवादी गिरजाघर के पास सीरिया, इराक, आर्मेनिया, इथियोपिया, मिस्र, इरिट्रिया, भारत में अलग-अलग स्वशासी अधिकार क्षेत्र हैं, और यह दुनिया भर में रूढ़िवादी आबादी का लगभग 20% हिस्सा है।"
- ↑ मुर्रे वैन डेन बर्ग, हेलेन (2011) [2009]. ""पूर्व का असिरियाई प्रेरित गिरजाघर"". ईसाई सभ्यता का विश्वकोश. 1. माल्डेन: विले-ब्लैकवेल. पपृ॰ 154–159.