पुरन पोली

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पुरनपोली
उद्भव
वैकल्पिक नाम होलिगे, पोळी, ओबट्टु, बोब्बाट्ट्लू, भाकशालू
संबंधित देश पश्चिम एवं दक्षिण भारत
देश का क्षेत्र विशेषकर महाराष्ट्र
व्यंजन का ब्यौरा
परोसने का तापमान गर्मा-गर्म या सामान्य तापमान पर
मुख्य सामग्री गुड़, गेहूं,
चना दाल, मेवा, हल्दी
अन्य प्रकार फलाहारी पुरनपोली[1], आलू की पुरनपोली[2]
लगभग कॅलोरीप्रति परोस १ पोली में - ३४९
वसा से-९ ग्राम
संतृप्त वसा से- १ ग्राम

पुरन पोली (गुजराती: વેઢ઼઼મી (वेढ़़मी) मराठी और कोंकणी: पुरणपोळी/पुरणाची पोळी, तमिल: போளி पोली, कन्नड़: ಹೋಳಿಗೆ ओबट्टु/होलिगे, तेलुगु:बूरेलुबोब्बाटुबोब्बाटलुपोलेय्लु, भाकशालू), भारतीय प्रसिद्ध मीठा पकवान है।[3] यह प्रत्येक तीज त्योहार आदि के अवसरों पर बनाया जाता है। महाराष्ट्र में इसे आमटी के साथ खाया जाता है। गुड़ीपडवा पर्व पर इसे विशेष रूप से बनाया जाता है। पुरन पोली की मुख्य सामग्री चना दाल होती है और इसे गुड़ या शक्कर से मीठा स्वाद दिया जाता है। इसे भरवां मीठा परांठा कहा जा सकता है।

शब्द वयुत्पति

पूरन पोली शब्द संस्कृत के शब्द पूरनपोलिका से बना है। संस्कृत की पूर् धातु से बना है पूरण शब्द जिसका अर्थ ऊपर तक भरना, पूरा करना, आदि हैं। चूंकि ऊपर तक भरा होना ही सम्पूर्ण होना है सो पूरण में संतुष्टिकारक भाव भी हैं। संस्कृत में रोटी के लिए पोळी (पोलिका) शब्द है। भाव हुआ भरवां रोटी। पोळी शब्द बना है पल् धातु से जिसमें विस्तार, फैलाव, संरक्षण का भाव निहित है इस प्ररकार पोळी का अर्थ हुआ जिसे फैलाया गया हो। बेलने के प्रक्रिया से रोटी विस्तार ही पाती है।

हिन्दी भाषी इस स्वादिष्ट व्यंजन को पूरनपोली कहते हैं क्योंकि मराठी के ळ व्यंजन का उच्चारण हिन्दी में नहीं होता है तो इसकी निकटतम ध्वनि ल से काम चलाया जाता है।

बनाने की विधि

पूरणपोळी चने की दाल को शक्कर की चाशनी में उबालकर बनाई गयी मीठी पिट्ठी से बनती है।[4] यह पिठ्ठी ही भरावन होता है जिसमें जायफल, इलायची, केसर और यथासंभव मेवा डाल कर सुस्वादु बनाया जाता है।[5] इसमें पीले रंग के लिए चुटकी भर हल्दी भी डाली जा सकती है। चूंकि इसे ही मैदा या आटे की लोई में पूरा या भरा जाता है इसलिए पूरण नाम मिला। इसके उपरांत इसे तेल व शुद्ध घी से परांठे के जैसे दोनों ओर घी लगाकर अच्छी से लाल और करारा होने तक सेक लेते हैं।[6] वैसे इसे महाराष्ट्र में करारा होने तक सेका जाता है, वहीं कर्नाटक और आंध्र प्रदेश आदि में इसे कोमल ही रखते हैं। सिकने के उपरांत इसे गर्म व सामान्य कर परोसा जाता है। इसके साथ आमटीखीर भी परोसी जाती है। चार सदस्यों के लिए पुरनपोली बनाने का समय है ४० मिनट।[3] इसे बना कर ३-४ दिनों तक रखा भी जा सकता है।[3]

कड़ाले बेल ओबट्टु (चना दाल ओबट्टु)

पोषण

एक पोली ११७ ग्राम[7]
कैलोरी ३४९[7]
कुल वसा ९ ग्राम (१४%)[7]
संतृप्त वसा १ ग्राम (५%)[7]
कोलेस्टेरॉल ० मि.ग्रा (०%)[7]
सोडियम १०२ मि.ग्रा. (४%)[7]
कुल कार्बोहाइड्रेट ५७ ग्रा. (१९%)[7]
रेशे ६ ग्रा. २४%[7]
शर्करा ४ ग्रा.[7]
प्रोटीन १० ग्रा. (२०%)[7]
विटामिन ०%
कैल्शियम ६%[7]
लौह १५%[7]
कैलोरी अनुमानित[7]
वसा से
कार्बो. से ६५.३%
प्रोटीन से ११.५%

सन्दर्भ

  1. फलाहारी पुरनपोली Archived 2008-09-08 at the Wayback Machine वेब दुनिया पर, अभिगमन तिथि: २२ अगस्त, २००९
  2. आलू की पुरनपोली[मृत कड़ियाँ]
  3. पूरन पोली रेसिपी Archived 2009-03-28 at the Wayback Machine निशा मधुलिका द्वारा
  4. "पुरन पोली की विधि". मूल से 12 अगस्त 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 अगस्त 2009.
  5. वेबदुनिया पर पुरनपोली Archived 2009-08-28 at the Wayback Machine, अभिगमन तिथि २२ अगस्त, २००९
  6. पूरन पोली की विधि Archived 2009-10-03 at the Wayback Machine याहू जागरण, अभिगमन तिथि: २२ अगस्त, २००९
  7. डीप पुरन पोली में पोषक तथ्य Archived 2010-03-03 at the Wayback Machine डेली प्लेट

बाहरी कड़ियाँ