पिशितांश
रेखित पेशी ऊतक की सबसे छोटी क्रियात्मक इकाई को पिशितांश या सार्कोमियर (sarcomere) कहते हैं।[1] जिनमें एक्टिन और मायोसिन फिलामेंट्स होते हैं जो आपस में दौड़ते हैं और मांसपेशी संकुचन उत्पन्न करते हैं। यह दो ज़ेड-लाइनों (Z-Line) के बीच की दुरी होती है।[2] प्रत्येक मांसपेशी फाइबर मायोफाइब्रिल्स से बनती हैं।
संरचना
[संपादित करें]पिशितांश मुख्य रूप से दो महत्वपूर्ण प्रोटीनों से बनी होती हैं:
- मायोसिन: जो मोटी फिलामेंट बनाता है।
- एक्टिन: जो पतली फिलामेंट बनाता है।
मायोसिन की लंबी, रेशेदार पूंछ और एक गोलाकार सिर होता है, जो एक्टिन से बंधता है। मायोसिन का सिर एटीपी से भी बंधता है, जो मांसपेशी संकुचन के लिए ऊर्जा का स्रोत है। कंकालीय मांसपेशियों में संकुचन की सबसे छोटी किर्यात्मक इकाई सार्कोमियर है। कंकालीय मांसपेशियों में संकुचन के लिए कैल्शियम आयन की आवश्यकता होती है।
बैंड और ज़ोन
[संपादित करें]सरकोमियर की संरचना निम्नलिखित बैंड और ज़ोन से मिलकर बनती है:[4]
- ज़ेड-लाइन (Z-Line): एक्टिन फिलामेंट्स ज़ेड-लाइन से बंधे होते हैं, जो सरकोमियर की सीमाएँ बनाती हैं।
- आई-बैंड (I-Band): यह पतली फिलामेंट्स का क्षेत्र है, जहाँ मोटी फिलामेंट्स नहीं होतीं।
- ए-बैंड (A-Band): इसमें मोटी फिलामेंट्स होती हैं, और इसमें पतली फिलामेंट्स भी प्रवेश करती हैं।
- एच-ज़ोन (H-Zone): ए-बैंड का एक हल्का क्षेत्र, जहाँ केवल मोटी फिलामेंट्स होती हैं।
- एम-लाइन (M-Line): सारकोमियर के बीच में स्थित, मोटी फिलामेंट्स को क्रॉस-लिंक करती है।

मांसपेशी संकुचन
[संपादित करें]मांसपेशी संकुचन के दौरान, ट्रोपोमायोसिन प्रोटीन एक्टिन के बंधन स्थलों को ढकता है। संकुचन के लिए, कैल्शियम आयन ट्रोपोनिन सी से बंधते हैं, जिससे ट्रोपोमायोसिन की संरचना बदल जाती है और एक्टिन के बंधन स्थल खुल जाते हैं। कैल्शियम आयनों की सांद्रता सरकोप्लाज्मिक रेटिकुलम द्वारा नियंत्रित होती है।[5]
विश्राम अवस्था
[संपादित करें]विश्राम अवस्था में, मायोसिन तंतु के सिर एटीपी अणु से बंधा होता है और एक्टिन पर बंधन स्थलों तक पहुँचने में असमर्थ होता है। लेकिन मायोसिन सिर एटीपी को एडीपी और एक अकार्बनिक फॉस्फेट आयन में हाइड्रोलाइज कर सकता है, जिससे मायोसिन सिर उच्च-ऊर्जा स्थिति में बदल जाता है।[6]
ऊर्जा भंडारण
[संपादित करें]मांसपेशी कोशिकाएँ केवल कुछ संकुचन के लिए पर्याप्त एटीपी स्टोर कर सकती हैं। जबकि मांसपेशी कोशिकाएँ ग्लाइकोजन भी स्टोर करती हैं, संकुचन के लिए आवश्यक अधिकांश ऊर्जा फॉस्फेज़न्स से आती है। एक ऐसा फॉस्फेज़न, क्रिएटिन फॉस्फेट, एटीपी संश्लेषण के लिए एडीपी को एक फॉस्फेट समूह प्रदान करने के लिए उपयोग किया जाता है।[7]
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Biga, Lindsay M.; Dawson, Sierra; Harwell, Amy (2019). "10.2 Skeletal Muscle". Anatomy & Physiology (अंग्रेज़ी भाषा में). ओपनस्टेक्स/ओरेगोन स्टेट यूनिवर्सिटी. अभिगमन तिथि: 22 मई 2021.
- ↑ अ आ Reece, Jane; Campbell, Neil (2002). Biology. San Francisco: बेंजामिन कमिंग्स. ISBN 0-8053-6624-5.
- ↑ "Sarcomere". अभिगमन तिथि: 2024-06-23.
- ↑ Martonosi, A. N. (2000-01-01). "Animal electricity, Ca2+ and muscle contraction. A brief history of muscle research". Acta Biochimica Polonica. 47 (3): 493–516. डीओआई:10.18388/abp.2000_3974. आईएसएसएन 0001-527X. पीएमआईडी 11310955.
- ↑ Lieber (2002). Skeletal Muscle Structure, Function & Plasticity : The Physiological Basis of Rehabilitation (2nd ed.). Lippincott Williams & Wilkins. ISBN 978-0781730617.
- ↑ Riddle, Donald L.; Blumenthal, Thomas; Meyer, Barbara J.; Priess, James R. (1997), "The Organization, Structure, and Function of Muscle", C. elegans II. 2nd edition (अंग्रेज़ी भाषा में), Cold Spring Harbor Laboratory Press, अभिगमन तिथि: 2024-06-23
- ↑ "Sarcomere", Wikipedia (अंग्रेज़ी भाषा में), 2024-05-30, अभिगमन तिथि: 2024-06-23