पियानो के अभिगृहीत
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गणितीय तर्क के सन्दर्भ में पियानो के अभिगृहीत (Peano axioms) प्राकृतिक संख्याओं से सम्बन्धित कुछ स्वयंसिद्ध कथन हैं जो १९वीं शताब्दी के इटली के गणितज्ञ गिउसेप्पी पियानो (Giuseppe Peano) द्वारा दिये गये थे। इन अभिगृहितों को लगभग बिना परिवर्तित किए ही अनेकानेक अधिगणितीय (metamathematical) कार्यों के लिए उपयोग में लाया जाता रहा है। उदाहरण के लिए, इसका प्रयोग संख्या सिद्धान्त के क्षेत्र में सुसंगति (consistency) तथा सम्पूर्णता (completeness) की जाँच के लिए किया जाता है।
- शून्य (0) एक प्राकृतिक संख्या है,
- प्रत्येक प्राकृतिक संख्या की अनवुर्ती प्राकृतिक संख्या होती है।
- भिन्न-भिन्न प्राक्रितिक संख्याओं की अनुवर्ती प्राक्रितिक संख्याएँ भी अलग-अलग होंगी।
- 0 किसी भी प्राकृतिक संख्या का अनुवर्ती नहीं है।
- यदि K कोई ऐसा समुच्चय है कि 0 समुच्चय K का सदस्य है, तथा प्रत्येक प्राकृतिक संख्या n के लिए, यदि n समुच्चय K का सदस्य है तो उसका अनुवर्ती S(n) भी K का सदस्य हो तो सभी प्राकृतिक संख्याएँ K की सदस्य होंगी। इसे 'आगमन अभिगृहीत' (induction axiom) कहा जाता है।