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पारसनाथ मंदिर

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पारसनाथ पहाड़ी के आधार के पास स्थित कमल मन्दिर

पारसनाथ मंदिर भारत के झारखंड राज्य के गिरिडीह जिले में स्थित एक प्रमुख जैन तीर्थ स्थल है। यह शिखरजी पर्वत पर स्थित है, जिसे जैन धर्मावलंबियों के लिए सबसे पवित्र स्थानों में गिना जाता है। इस मंदिर को 23वें जैन तीर्थंकर पार्श्वनाथ के नाम पर जाना जाता है।

मान्यता के अनुसार शिखरजी पर्वत पर जैन धर्म के 20 तीर्थंकरों ने मोक्ष प्राप्त किया था। इस पर्वत पर बने पारसनाथ मंदिर का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व अत्यंत गहरा है। मंदिर परिसर और पर्वत का उल्लेख प्राचीन ग्रंथों में मिलता है तथा यह जैन साधु-संतों की तपस्या स्थली रहा है।

वास्तुकला

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पारसनाथ मंदिर की वास्तुकला जैन शैली की उत्कृष्ट कृति है। सफेद संगमरमर से बने इस मंदिर में नक्काशीदार स्तंभ, गुम्बद और शिखर हैं। मंदिर के चारों ओर तीर्थयात्रियों के ठहरने और पूजा-अर्चना के लिए अलग-अलग मंडप बनाए गए हैं। पर्वत की चोटी तक जाने के लिए यात्रा मार्ग पर भी छोटे-छोटे मंदिर और तोरणद्वार बने हुए हैं।

धार्मिक महत्व

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यह मंदिर जैन धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में गिना जाता है। हर वर्ष हजारों जैन तीर्थयात्री यहाँ आकर पर्वतारोहण कर पूजा-अर्चना करते हैं। विशेषकर पार्श्वनाथ जयंती और अन्य जैन पर्वों पर यहाँ धार्मिक आयोजन होते हैं। इसे "समस्त जैनों का सिद्धक्षेत्र" कहा जाता है।

पारसनाथ मंदिर तक पहुँचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन पारसनाथ रेलवे स्टेशन (गिरिडीह जिला) है, जो हावड़ा-दिल्ली रेल मार्ग पर स्थित है। यहाँ से मंदिर तक पहुँचने के लिए पैदल यात्रा, पालकी और डोली की व्यवस्था होती है। निकटतम हवाई अड्डा रांची में है।

इतर जानकारी

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  • शिखरजी पर्वत समुद्र तल से लगभग 1350 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
  • जैन धर्मावलंबियों के साथ-साथ अन्य धर्मों के लोग भी इसे आस्था और पर्यटन स्थल के रूप में देखने आते हैं।

इधर भी देखें

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    बाहरी कड़ियाँ

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