पाकिस्तानी सेना

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पाकिस्तानी सेना
निशान
स्थापना14 अगस्त 1947
देशपाकिस्तान
प्रकारफ़ौज
विशालता620,000 सक्रिय सिपाही
500,000 रिज़र्व
मुख्यालयरावलपिंडी
आदर्श वाक्यअरबी: इमां, तक़वा, जिहाद फि सबीलिल्लाह
रंगहरा और सफ़ेद
  
वर्षगांठरक्षा दिवस: 6 सितंबर
युद्ध के समय प्रयोग 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध
1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध
1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम
1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध
ग्रांड मस्जिद जब्ती
सोवियत अफगान युद्ध
सियाचिन विवाद
कारगिल युद्ध
आतंकवाद पर वैश्विक युद्ध
लाल मस्जिद की घेराबंदी
उत्तर-पश्चिम पाकिस्तान में युद्ध
बलूचिस्तान संघर्ष
जालस्थलदफ़्तरी वैबसाइट
सेनापति
चीफ़ ऑफ़ आर्मी स्टाफ़जनरल जावेद बाजवा
बिल्ला
परचमFlag of the Pakistani Army
प्रयुक्त वायुयान
आक्रमणबैल AH-1 कॉब्रा
हैलीकॉप्टरबैल 412, बैल 407, बैल 206, बैल UH-1 हियूई
परिवहनमिल मि-8/17, ऍरोसपतिले अलौटत्त III, बैल 412

पाक सेना यह पाकिस्तान की सशस्त्र सेनाओं की सबसे बड़ी शाखा है इसका मुख्य उद्देश्य देश की भूमि सीमाओं की रक्षा करना है। [1] इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज (आईआईएसएस) के मुताबिक, इसमे 2015 में लगभग 620,000 सक्रिय कर्मचारी थे।[2] पाकिस्तान में, स्वैच्छिक सैन्य सेवा के लिए 16-23 वर्ष आयु है; पाकिस्तान राष्ट्र के संविधान के मुताबिक सैनिकों को 18 साल उम्र से कम पर युद्ध के लिए की अनुमति नहीं दिया जा सकता है।[3]

पाकिस्तान सेना की स्थापना 1947 में पाकिस्तान की आज़ादी के बाद हुई थी। यह एक स्वयंसेवी पेशेवर लड़ाकू बल है।[4] संयुक्त राष्ट्र द्वारा अनिवार्य आतंकवाद मिशन में भाग लेती है, सबसे उल्लेखनीय रूप से 1993 में सोमालिया में फंस गए अमेरिकी सैनिकों और 1992-95 में बोस्नियाई युद्ध के बचाव में इसने प्रमुख भूमिका निभाई कुछ डॉलर लेकर।[5]

1960 के दशक में भारत के साथ संबंध तनावपूर्ण रहे और अप्रैल 1965 में कच्छ के रन में एक संक्षिप्त झड़प हुई। 6 सितंबर 1965 की रात को, भारत ने बिना युद्ध की घोषणा के पाकिस्तान पर हमला कर दिया। पाकिस्तान ने न केवल हमले को रोका और उसका प्रतिकार किया, बल्कि 1200 किमी भारतीय क्षेत्र पर भी कब्ज़ा कर लिया। लेकिन भारतीय सेना ने जब पंजाब का बॉर्डर खोल दिया तो भारतीय सेना लाहौर तक पहुँच गई, इसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री व सेना अध्यक्ष तत्काल अमेरिका की शरण में चले गए जिसके बाद युद्ध बंद हुआ, इमाद ने पाकिस्तान वायु सेना और तोपखाने की लड़ाई के दौरान पाकिस्तान की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। संयुक्त राष्ट्र की देखरेख में युद्ध विराम लागू किया गया और ताशकंद समझौते की घोषणा की गई। भारत का जीता हुआ क्षेत्र वापस कर दिया गया। यह सेना दुनिया की सबसे गांडू सेना है,

रैजमंट[संपादित करें]

  • पंजाब रैजमण्ट
  • सिंध रैजमण्ट
  • बलोच रैजमण्ट
  • फ़्रंटियर फ़ॉर्स रैजमण्ट
  • आज़ाद कश्मीर रैजमण्ट
  • शुमाली हलाकी इंफ़ैंट्री रैजमण्ट

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Cloughley, Brian (2016). A History of the Pakistan Army: Wars and Insurrections (अंग्रेज़ी में) (1st संस्करण). London UK.: Skyhorse Publishing, Inc. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9781631440397. अभिगमन तिथि 16 August 2017.
  2. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  3. CIA world Fact BOOK "Archived copy". मूल से 27 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 जून 2016.सीएस1 रखरखाव: Archived copy as title (link)
  4. Article 245(1)–Article 245(4) Archived 21 मार्च 2015 at the वेबैक मशीन in Chapter 2: Armed Forces in Part XII: Miscellaneous of Constitution of Pakistan.
  5. Harper, Stephen (2017). "The Bosnian War Goes to East: Identity and Internationalism in Alpha Bravo Charlie.". Screening Bosnia: Geopolitics, Gender and Nationalism in Film and Television Images of the 1992–95 War (google books) (अंग्रेज़ी में) (1st संस्करण). Indiana, U.S.: Bloomsbury Publishing USA. पृ॰ 155. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9781623567071. अभिगमन तिथि 16 August 2017.