पाई के लिये माधव-लैबनीज सूत्र

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गणित में, माधव-लैबनीज सूत्र निम्नलिखित है-

उपरोक्त सूत्र के बाएँ पक्ष माधव-लीबनिज़ श्रृंखला भी कहा जाता है क्योंकि यह व्युत्क्रम स्पर्शज्या फलन के लिए अधिक सामान्य श्रृंखला विस्तार का एक विशेष अवस्था है, जिसे पहली बार १४वीं शताब्दी में संगमग्राम के भारतीय गणितज्ञ माधव ने प्रस्तुत किया था। [1] 1676 के आसपास लाइबनिज ने इसका विशिष्ट मामला पहली बार प्रकाशित किया । [2] प्रतिलोम स्पर्शज्या फलन की श्रृंखला, जिसे ग्रेगरी की श्रृंखला के रूप में भी जाना जाता है, निम्नलिखित है-

इस शृंखला में x = 1 रखकर लैबनीज का सूत्र प्राप्त किया जा सकता है। [3]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Plofker, Kim (November 2012), "Tantrasaṅgraha of Nīlakaṇṭha Somayājī by K. Ramasubramanian and M. S. Sriram", The Mathematical Intelligencer, 35 (1), पपृ॰ 86–88, डीओआइ:10.1007/s00283-012-9344-6
  2. Edwards, Charles Henry (1994), The historical development of the calculus, Springer Study Edition Series (3 संस्करण), Springer, पृ॰ 247, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-387-94313-8
  3. Andrews, George E.; Askey, Richard; Roy, Ranjan (1999), Special Functions, Cambridge University Press, पृ॰ 58, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-521-78988-5