पर इस दिल को कैसे समझाएँ

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पर इस दिल को कैसे समझाएँ
शैलीनाटक
लेखककहानी
अनिल नागपाल
संवाद
सुंजोय शेखर
निर्देशकImitiaz Panjabi
अभिनीतनीचे देखें
थीम संगीतकारललित सेन
प्रारंभिक थीमशान और प्रिया भट्टाचार्य द्वारा "पर इस दिल को कैसे समझाएँ"
उद्गम देशभारत
मूल भाषा(एं)हिन्दी
सीजन कि संख्या1
एपिसोड कि संख्याकुल 26
उत्पादन
निर्माताशबीना खान
उत्पादन स्थानदिल्ली, भारत
छायांकनराजा सथंकर
संपादकविकास शर्मा
कैमरा सेटअपबहू-कैमरा
प्रसारण अवधिलगभग 24 मिनट
निर्माता कंपनीलमीस
प्रदर्शित प्रसारण
नेटवर्कसोनी
प्रकाशित29 मार्च 2002 –
20 सितम्बर 2002

पर इस दिल को कैसे समझाएँ हिन्दी भाषा में बनी भारतीय धारावाहिक है, जिसका प्रसारण सोनी पर 29 मार्च 2002 से शुरू हुआ। जो हर शुक्रवार रात 8:30 बजे देता था और 20 सितम्बर 2002 तक चला।[1]

कहानी[संपादित करें]

यह कहानी नीलम की है, जो उसके माता पिता के मृत्यु के पश्चात अपनी बहन आरती का ख्याल रखती है। जब नीलम की शादी भी हो जाती है तो भी वह अपने पति और सास-ससुर के साथ मिलकर उसका ख्याल रखती है। लेकिन इस कहानी में नया मोड़ तब आता है, जब एक घटना घटती है और सभी को लगता है की उस दुर्घटना में नीलम की मौत हो चुकी है। इसके बाद आरती नीलम के पति से शादी कर लेती है। लेकिन कुछ वर्षों के बाद नीलम पुनः अपने घर लौट आती है, लेकिन उसे तब पता चलता है कि उसकी बहन ने उसके पति से शादी कर ली है। इसके बाद यह प्रश्न उन दोनों बहनों के सामने आ जाता है कि एक पति कौन रहेगा।

कलाकार[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "SET targets the serious viewer with Par Is Dil Ko Kaise Samjaye". Indiantelevision.com. 15 March 2002. मूल से 30 सितंबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 सितंबर 2015.

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]