परशिव

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शिवलिंग का ऊपरी हिस्सा (अंडाकार भाग) परशिव का प्रतिनिधित्व करता है

परशिव[1] भगवान शिव के तीन पहलुओं में से एक है। शैव सिद्धांत के अनुसार जो शैव सम्प्रदाय का हिस्सा है; परशिव संपूर्ण वास्तविकता (अतत्त्व) है जो मानव समझ और समस्त विशेषताओं से परे है।  इस पहलू में भगवान शिव शाश्वत, निराकार (बिना आकार के) और अनंत हैं।[2][3] शैव सम्प्रदाय धर्मशास्त्र के अनुसार, परशिव इस ब्रह्मांड के समस्त वस्तुओं का स्रोत और मंज़िल है। शैव सम्प्रदाय के परशिव का सिद्धान्त, वैष्णव सम्प्रदाय के 'महाविष्णु' के सिद्धान्त, शाक्त सम्प्रदाय के 'आदि पराशक्ति' के सिद्धान्त, एवं स्मार्त सम्प्रदाय के 'निर्गुण ब्रह्म/परब्रह्म' सिद्धान्त जैसा है। शैव सिद्धांत के अनुसार भगवान शिव के अन्य दो पहलु पराशक्ति और परमेश्वर हैं।[4][5] 

शिवलिंग का निचला हिस्सा पराशक्ति का प्रतिनिधित्व करता है जबकि ऊपरी हिस्सा (अंडाकार भाग) परशिव का प्रतिनिधित्व करता है।[6] परशिव शैव दर्शन के 36 तत्त्वों से परे है।[7]

यह भी देखें[संपादित करें]

संदर्भ[संपादित करें]

  1. "Glossary". search for "Paraśiva". मूल से 12 जून 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 मई 2018.
  2. Dancing with Siva. पपृ॰ ŚLOKA 16 (What Is the Nature of Our God Śiva?). मूल से 1 मई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 मई 2018.
  3. Dancing with Siva. ŚLOKA 17(https://www.himalayanacademy.com/media/books/dancing-with-siva/web/ch02_02.html). मूल से 1 मई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 मई 2018.
  4. "Parashakti". मूल से 1 मई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 मई 2018.
  5. "Parameshwara". मूल से 1 मई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 मई 2018.
  6. "Hinduism for Children". Search for "Śivaliṅga". मूल से 1 मई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 मई 2018.
  7. "36 तत्त्व". मूल से 29 मई 2018 को पुरालेखित.