पंचेंद्रीय (जैन)
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जैन दर्शन में जीव आत्माओं के दो भेद किए गए है — मुक्त जीव (सिद्ध) और संसारी जीव। संसारी जीवों के इंद्रियों के आधार से ५ पाँच भेद किए है। जिन जीवों के पाँचों इंद्रियाँ होती है, उन्हें पंचेंद्रिय जीव कहा जाता है।
नाम
[संपादित करें]स्थावर जीव
[संपादित करें]- स्पर्शन
त्रस जीव
[संपादित करें]- रसना
- घ्राण
- चक्षु
- कर्ण