न्याय मित्र योजना

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न्याय मित्र, भारत सरकार की एक योजना है जिसमें पूर्व न्यायिक अधिकारी का चुनाव करके उनसे पुराने लम्बित पड़े मुकदमों की सुनवाई कराई जती है और निर्णय दिलवाया जाता है। इन अधिकारियों को 'न्यायमित्र' कहा जाता है। देश में मुकदमों की बढ़ती हुई संख्या को कम करने के लिए सरकार ने न्याय मित्र योजना का शुभारम्भ किया है। इस योजना से देश के 10 वर्ष पुराने मुकदमों का निर्णय शीघ्रता से किया जायेगा और पीड़ित व्यक्ति को जल्दी न्याय प्रदान करने का प्रयास किया जायेगा। यह योजना भारत के 227 जिलों में प्रारम्भ की गयी है।

इस योजना में पूर्व जज व न्यायिक पृष्ठभूमि से सेवानिवृत अधिकारी या विधिक अनुभव वाले एग्जीक्यूटिव अधिकारी को सम्मिलित किया गया है जिससे मुकदमों के निर्णय की गुणवत्ता बनी रहेगी। न्याय मित्र के रूप में पूर्व न्यायिक अधिकारी को लंबित मुकदमों में की गयी पैरवी को ध्यान पूर्वक सुनकर उस पर सही निर्णय देना होता है। सरकार ने न्याय मित्र के लिए प्रतिमाह सात हजार रुपये मानदेय निर्धारित किया है।

इस योजना को केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री श्री रविशंकर ने 20 अप्रैल 2017 को प्रारंभ किया था । न्याय मित्र द्वारा मुकदमों की सुनवाई कॉमन सर्विस सेंटर में स्थित जिला सुविधा केंद्र पर की जाएगी। यह योजना उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, उड़ीसा, राजस्थान,पश्चिम बंगाल, गुजरात के 200 जिलों और पूर्वोत्तर राज्यों और जम्मू कश्मीर के 27 जिलों, कुल देश के 227 जिलों में यह योजना प्रारम्भ की जाएगी।

29 जुलाई 2022, को प्रदर्शित।

[1]देश के उच्च न्यायालयों के साथ-साथ माध्यमिक न्यायालयों में 10 से 15 वर्षों से लंबित पुराने मामलों के शीघ्र निपटान के उद्देश्य से न्याय मित्र पहल शुरू की गई थी। वर्ष 2017 में न्याय मित्र कार्यक्रम की स्थापना के बाद से महाराष्ट्र, असम, बिहार, कर्नाटक, ओडिशा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल राज्यों में कुल 38 न्याय मित्र नियुक्त किए गए हैं, जिनका विवरण दिया गया है। परिशिष्ट-ए में। एडजुडिकेटर ने वैवाहिक विवादों, दुर्घटना के दावों और आपराधिक मामलों सहित 3495 पुराने मामलों के निपटान में संबंधित अदालतों की मदद की है। निपटाए गए मामलों का राज्य और केंद्र शासित प्रदेशवार विवरण अनुबंध-बी में दिया गया है। 2021 से 26 की अवधि के दौरान देश भर में 80 न्याय मित्र नियुक्त किए जाएंगे। इनमें वर्ष 2021-22 के लिए अप्रैल 2022 में 11 विभिन्न जिला न्यायालयों में 11 न्यायमित्र नियुक्त किए गए हैं।

परिशिष्ट-ए

A State-wise Statement containing number of Nyaya Mitra engaged from 2017-2022
S.No State Year

2017-2018

Year

2018-2019

Year

2019-2020

Year

2020-2021

Year

2021-2022

Total
1 Assam      - - -


NIL*

02 02
2 Bihar 01 - - - 01
3 Karnataka - - - 01 01
4 Maharashtra - - 03 01 04
5 Odisha 02 02 04
6 Rajasthan 04 03 02 01 10
7 Uttar Pradesh 05 - 01 02 08
8 West Bengal 04 01 01 02 09
Total 14 04 09 11 38

*वर्ष 2020-2021 में कोविड महामारी के कारण न्यायालयों को बंद कर दिया गया था और सामाजिक दूरी के नियमों के लागू होने के कारण उस वर्ष किसी न्यायाधीश की नियुक्ति नहीं की गई थी।

परिशिष्ट - बी

A State-wise Statement containing number of cases disposed by Nyaya Mitra (2017-2022)
S.No State No. of cases disposed

(2017-2022)

1 Assam 8
2 Bihar 44
3 Karnataka 0
4 Maharashtra 327
5 Odisha 818
6 Rajasthan 1691
7 Uttar Pradesh 461
9 West Bengal 28
Grand Total 3495


वर्ष 2017 ते 22 या कालावधीत महाराष्ट्रात एकूण 4 न्यायमित्रांची नेमणूक करण्यात आली असून न्याय मित्रांच्या मदतीने या काळात महाराष्ट्रातील 327 प्रकरणांचा निपटारा करण्यात आला आहे.

केंद्रीय कायदे आणि न्याय मंत्री किरेन रिजीजू यांनी आज लोकसभेत लिखित उत्तराद्वारे ही माहिती दिली

  1. "न्याय मित्र योजना".