न्यायिक सरोविज्ञान

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भिन्न प्रकार के डायटम

न्यायालयिक सरोविज्ञान (न्यायालयिक सरोवरविज्ञान / फॉरेंसिक लिम्नोलॉजी) फॉरेंसिक बॉटनी का उप-क्षेत्र है जिसमें हम किसी भी अपराध स्थल पर, सैंपल में और अपराध के शिकार व्यक्ति के शरीर मे भी, डायटोम की जांच करते हैं। डायटोम पानी में पाए जाते हैं और जगह को देख के ही भिन्न-भिन्न प्रकार के डायटोम की कॉलोनी मिलती है जिससे हम अपराध स्थल का आसानी से पता लगा सकते हैं। डायटोम विविध प्रकार के सूक्षम शैवाल हैं जो की सिलिका सेल की दीवार से बने होते हैं। डायटोम की बहुत सी विशेषताए होती हैं जैसे कि रंग, आकार आदि। डायटोम की लगभग ८००० जातियाँ हैं।[1]

डायटोम के लाभ[संपादित करें]

हर डायटोम की जाति की पहचान उनमें पाए जाने वाले विविध प्रकार के सिलिका से की जाती है, जो कि वातावरण के हिसाब से बदलती रहती है। जब यह सूक्ष्म शैवाल मरते हैं तो इनका फ्रुस्तुले (सिलिका सेल वाल) पानी तलछट बना देता है। इस फ्रुस्तुले की मदद के कारण हमे डायटोम की प्रजाति का पता लगता है जिससे अपराध स्थल का भी पता चल जाता है।

डायटोम परीक्षण[संपादित करें]

किसी भी व्यक्ति की मृत्यु पानी में डूबने से हुई है या नहीं, इसका पता डायटोम के परीक्षण से चलता है। डायटोम पर जो सिलिका की परत होती है वह अम्ल से अप्रभावित होती है और हर प्रकार के पानी में आसानी से मिल जाती है। जब कोई जीवित व्यक्ति पानी में डूबता है तो साँस लेने के साथ पानी फेफड़ो में चला जाता है और उसके साथ-साथ पानी में पाए जाने वाले डायटोम भी उस व्यक्ति के फेफड़ों में चले जाते हैं। रक्त के प्रवाह के साथ यह डायटोम शरीर के विभिन्न अंगो में पहुँच जाते हैं। अगर किसी भी व्यक्ति के शरीर के विभिन्न अंगों में डायटोम पाए जाते हैं तो हम कह सकते हैं कि पानी में डूबने से पहले व्यक्ति जीवित था। जबकि मृत्यु के बाद अगर किसी भी व्यक्ति को पानी में फेंका जाता है तब डायटोम की उपस्थिति केवल जाँघ और पैरों की हड्डियों में सबसे अधिक होती है। डायटोम के इन परीक्षणों की मदद से हम यह पता लगा सकते हैं कि व्यक्ति की मृत्यु पानी में डूबने से हुई है या फिर मृत शरीर को पानी में डुबोया गया था। डायटोम के परीक्षण से मृत्यु के समय का भी पता लगाया जा सकता है। जैसे अगर डायटोम परीक्षण के बाद डायटोम की कॉलोनी की जातियाँ २० से कम हैं तो कह सकते हैं कि मृत्यु को कम से कम ७-१२ दिन हुए हैं। अगर डायटोम की जातियाँ ५० से ज्यादा हैं तो उस स्थिति में व्यक्ति की मृत्यु को लगभग १ सप्ताह हो गया माना जाता है।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Coyle, Heather Miller; Carll Ladd; Timothy Palmbach; Henry C. Lee (2001). "The Green Revolution: Botanical Contributions to Forensics and Drug Enforcement". Croatian Medical Journal (2001): 340–345.