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नेइथ

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Francesco Fontana’s drawing of the supposed satellite(s) of Venus. Woodcuts from Fontana’s work (1646). Note the fringes of light around Venus, which are produced by optical effects

नेइथ (Neith), एक खगोलीय वस्तु को दिया गया नाम है जिसे गियोवन्नी कैसिनी ने सर्वप्रथम देखा था। कैसिनी ने उसकी पहचान शुक्र के एक चांद के रूप में की थी।

सन् 1672 में गियोवन्नी कैसिनी ने एक छोटी सी खगोलीय वस्तु को शुक्र के नजदीक पाया। अपने इस प्रेक्षण पर उन्होने कोई विशेष ध्यान नहीं दिया। किंतु 1686 में जब इसे फिर से देखा तो उन्होने शुक्र के एक संभावित चांद की औपचारिक घोषणा कर दी। इस वस्तु को एक बड़ी समयावधि उपरांत कई अन्य खगोलविदों द्वारा देखा गया था: 1740 में जेम्स शॉर्ट द्वारा, 1759 में एंड्रियास मेयर द्वारा, 1761 में जोसेफ लुई लाग्रांज द्वारा, 1761 में अठारह और प्रेक्षण, एक वह भी शामिल है जिसमें एक धब्बा शुक्र का पीछा करते हुए तब देखा गया जब यह ग्रह सूर्य के आरपार पारगमन में था, 1768 में आठ प्रेक्षण और क्रिश्चियन होरेबोव द्वारा 1764 में।

प्रेक्षण

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सन् 1768 में विलियम हर्शेल सहित अनेकों खगोलविद, चाहे जैसे भी हो, शुक्र के अपने प्रेक्षणों के दौरान किसी भी चाँद को खोजने में नाकाम रहे। कैसिनी ने मूल नेइथ को अवलोकित किया और व्यास शुक्र का एक चौथाई होना पाया। लेग्रैंज ने घोषणा की कि नेइथ का कक्षीय तल क्रांतिवृत्त के लम्बवत् था। 1766 में वियना वेधशाला के निदेशक ने अनुमान लगाया कि उपग्रह के प्रेक्षण दृष्टिभ्रम थे। उन्होंने कहा: "शुक्र का उज्ज्वल प्रतिबिम्ब आंख में झलक कर वापस दूरबीन में आ गया और एक छोटा द्वितीयक प्रतिबिम्ब बनाया"। 1777 में जे.एच.लैम्बर्ट ने उसकी कक्षीय अवधि का अनुमान ग्यारह दिन और तीन घंटे जितना लगाया |