नुमित् काप्प

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नुमित् काप्प ( मैतै : ꯅꯨꯃꯤꯠ ꯀꯥꯞꯄ ) (साहित्यिक, "सूर्य पर निशाना लगाना" [1] ) मणिपुर की मैतै भाषा में रचित एक प्राचीन पौराणिक महाकाव्य है। [2] माना जाता है कि इसकी रचना ३३ ईस्वी के आसपास या उससे पहले हुई थी। [3] यह महाकाव्य अंशतः पद्य में और अंशतः गद्य में है। [4] [5]

इस महाकाव्य को आज भी मैतेई साहित्य का सबसे प्राचीन ज्ञात महाकाव्य माना जाता है। [6]

सार[संपादित करें]

नुमित काप्प में, दो सूर्य देवता हैं, जो एक साथ विश्व को प्रकाशित करते हैं। रात बनाने के लिये दो में से एक सूर्य की हत्या करनी आवश्यक थी। ख्वै नुङजेंङ पिबा इस महाकाव्य के नायक हैं। वे तीर चलाने में अत्यन्त प्रवीण थे। उन्होंने दो सूर्यों में से एक (ताओथुइरेंङ) को तीर से मार दिया। [7] [8] [9]

धर्म में[संपादित करें]

  • मैतेई भाषा में पुरातन शब्द अभी भी पुजारियों द्वारा चुप्सबा समारोह (मेइती ब्रह्माण्ड विज्ञान में विशेष प्रकार की मृत्यु से जुड़ी एक रस्म) के दौरान भजनों के रूप में गाए जाते हैं। [8]

लोकप्रिय संस्कृति में[संपादित करें]

  • हाल ही में, सरुङ्बाम बीरेन के निर्देशन में दिल्ली स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स (एनआईपीए) में नाटक के रूप में इस महाकाव्य को फिर से प्रदर्शित किया गया है। [10]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

और पढ़ें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. The Oriental Anthropologist: A Bi-annual International Journal of the Science of Man (अंग्रेज़ी में). Oriental Institute of Cultural and Social Research. 2005.
  2. Problems of Modern Indian Literature (अंग्रेज़ी में). Statistical Pub. Society : distributor, K. P. Bagchi. 1975.
  3. Paniker, K. Ayyappa (1997). Medieval Indian Literature: Surveys and selections (अंग्रेज़ी में). Sahitya Akademi. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-260-0365-5.
  4. Islam, Mazharul (1982). A History of Folktale Collections in India, Bangladesh and Pakistan (अंग्रेज़ी में). Panchali.
  5. Man (अंग्रेज़ी में). Royal Anthropological Institute of Great Britain and Ireland. 1913.
  6. Sanajaoba, Naorem (1988). Manipur, Past and Present: The Heritage and Ordeals of a Civilization (अंग्रेज़ी में). Mittal Publications. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7099-543-2.
  7. Singh, N. Joykumar (2006). Ethnic Relations Among the People of North-East India (अंग्रेज़ी में). Centre for Manipur Studies, Manipur University and Akansha Publishing House. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-8370-081-8.
  8. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर सन्दर्भ त्रुटि: <ref> अमान्य टैग है; "jstor 25663656" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है
  9. Roy, Jyotirmoy (1973). History of Manipur (अंग्रेज़ी में). Eastlight Book House.
  10. "Film showcase for Manipur play - Young theatre director?s drama to be preserved on celluloid".