निहित निरसन

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संवैधानिक सिद्धान्त के सन्दर्भ में, निहित निरसन (implied repeal) के सिद्धान्त के अनुसार, यदि संसद या किसी अन्य विधायिका द्वारा निर्मित कोई अधिनियम किसी पूर्व अधिनियम की भावना के विपरीत हो तो बाद वाला अधिनियम को वरीयता मिलेगी तथा पुराने अधिनियम का वह भाग जो नये विधान से मेल नहीं खाता, वह न्यायिक रूप से निरस्त हो जाता है।