नासिरा शर्मा
नासिरा शर्मा | |
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चित्र:Nasira sharma1.jpg | |
जन्म | तिथि और माह, १९४८ इलाहाबाद |
भाषा | हिन्दी |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
काल | आधुनिक काल |
विधा | कहानी और उपन्यास |
नासिरा शर्मा (जन्म : १९४८ ) हिन्दी की प्रमुख लेखिका हैं। सृजनात्मक लेखन के साथ ही स्वतन्त्र पत्रकारिता में भी उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किया है। वह ईरानी समाज और राजनीति के अतिरिक्त साहित्य कला व सांस्कृतिक विषयों की विशेषज्ञ हैं। वर्ष २०१६ का साहित्य अकादमी पुरस्कार उनके उपन्यास पारिजात के लिए प्रदान किया गया। वर्ष 2019 का व्यास सम्मान इनके उपन्यास कागज की नाव के लिए दिया गया।
जीवन परिचय
[संपादित करें]नासिरा शर्मा का जन्म १९४८ में इलाहाबाद शहर में हुआ। उन्होंने फारसी भाषा और साहित्य में एम. ए. किया। हिन्दी उर्दू, अंग्रेज़ी , फारसी एवं पश्तो भाषाओं पर उनकी गहरी पकड़ है। वह ईरानी समाज और राजनीति के अतिरिक्त साहित्य कला व संस्कृति विषयों की विशेषज्ञ हैं। इरा़क, अ़फ़गानिस्तान, सीरिया, पाकिस्तान व भारत के राजनीतिज्ञों तथा प्रसिद्ध बुद्धिजीवियों के साथ उन्होंने साक्षात्कार किये, जो बहुचर्चित हुए। इनके साक्षात्कार से समाज के विषय में अच्छी जानकारी प्राप्त होती है l युद्धबन्दियों पर जर्मन और फ्रेंच दूरदर्शन के लिए बनी फिल्म में महत्त्वपूर्ण योगदान।
प्रकाशित कृतियाँ
[संपादित करें]अब तक दस उपन्यास, छह कहानी संकलन, तीन लेख-संकलन, सात पुस्तकों के फ़ारसी से अनुवाद, 'सारिका', 'पुनश्च' का ईरानी क्रांति विशेषांक, 'वर्तमान साहित्य' के महिला लेखन अंक तथा 'क्षितिजपार' के नाम से राजस्थानी लेखकों की कहानियों का सम्पादन। 'जहाँ फव्वारे लहू रोते हैं' के नाम से रिपोर्ताजों का एक संग्रह प्रकाशित। इनकी कहानियों पर अब तक 'वापसी', 'सरज़मीन' और 'शाल्मली' के नाम से तीन टीवी सीरियल और 'माँ', 'तडप', 'आया बसंत सखि','काली मोहिनी', 'सेमल का दरख्त' तथा 'बावली' नामक दूरदर्शन के लिए छह फ़िल्मों का निर्माण।
उपन्यास
[संपादित करें]सात नदियाँ एक समन्दर- १९८४
शाल्मली- १९८७
ठीकरे की मँगनी - १९८९
जि़न्दा मुहावरे - १९९३
अक्षय वट - २००३
कुइयाँजान - २००५
ज़ीरो रोड - २००८
पारिजात - २०११
अजनबी जज़ीरा - २०१२
कागज़ की नाव - २०१४
अल्फ़ा- बीटा- गामा-
कुछ रंग थे ख़्वाबों के - 2024
पुरस्कार-सम्मान
[संपादित करें]- २००८ में अपने उपन्यास कुइयाँजान के लिए यू॰के॰ कथा सम्मान से सम्मानित।
- सन् 2014 में " डॉ राही मासूम रजा साहित्य सम्मान "से अलंकृत किया गया ।
- नासिरा शर्मा को वर्ष २०१६ का साहित्य अकादमी पुरस्कार उनके उपन्यास पारिजात के लिए प्रदान किया गया।
- नासिरा शर्मा को वर्ष 2019 का व्यास सम्मान उनके उपन्यास कागज की नाव पर प्रदान किया गया। [1]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "संग्रहीत प्रति" (PDF). Archived from the original (PDF) on 27 दिसंबर 2016. Retrieved 26 दिसंबर 2016.
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