नालंदा (गैर-सरकारी संगठन)
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नालंदा एक गैर सरकारी संगठन है, जोकि वर्ष 1996 से सतत सेवारत है। यह प्रारंभिक शिक्षा के संदर्भ केन्द्र के रूप में उत्तर प्रदेश व झारखंड में कार्यरत है। इसका मुख्य कार्य प्रारंभिक शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रही सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं को तकनीकी रूप से मदद करना है। नालंदा अपनी शुरूआत से ही उत्तर प्रदेश में संचालित विभिन्न शैक्षिक कार्यक्रमों से सक्रिय रूप से जुड़ी रही है। इन कार्यक्रमों के अन्तर्गत काम करते हुए नालंदा ने विभिन्न तरह की शिक्षण—अधिगम सामग्री का विकास किया है। शिक्षक—प्रशिक्षण, पाठ्य—सामग्री निर्माण, मदरसों में शैक्षिक सुधार, अनुश्रवण एवं शोध—अध्ययन नालंदा के नियमित क्रियाकलाप हैं।[1]
प्रारंभ शैक्षिक संवाद
[संपादित करें]नालंदा द्वारा प्रारंभिक शिक्षा से जुड़े लोगों से संवाद कायम करने के उद्देश्य से एक त्रैमासिक पत्र 'प्रारंभ शैक्षिक संवाद' का प्रकाशन किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य प्रारंभिक शिक्षा के विभिन्न पहलुओं से जुड़े विचारों का प्रचार-प्रसार करना है, जिससे वर्तमान शैक्षिक परिदृश्य व शैक्षिक सुधारों पर सोच-विचार करते हुए गुणात्मक शिक्षा पर संवाद किया जा सके। यह पत्र वर्ष 2003 से नियमित रूप से प्रकाशित किया जा रहा है। 'प्रारम्भ शैक्षिक संवाद' में प्रकाशित लेखों में से महत्वपूर्ण लेखों को चुनकर वर्ष 2004 में प्राथमिक शिक्षा: क्या, किसके लिए, कैसे पुस्तक प्रकाशित हुई थी, जो प्राथमिक शिक्षा से जुड़े हुए विषयों से संबंधित है।[2]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "नालंदा: शैक्षणिक नवाचार संसाधन केंद्र". Archived from the original on 20 मार्च 2012. Retrieved 21 जुलाई 2012.
- ↑ "प्रारंभ: शैक्षणिक त्रैमासिक पत्र". Archived from the original on 13 अप्रैल 2014. Retrieved 5 अगस्त 2013.