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नाज़ीवाद

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नाज़ीवाद जर्मनी का ध्वज

नाज़ीवाद या नात्सीवाद, एक उम्र तानाशाही aur आंदोलन था जो एडोल्फ हिटलर के नेतृत्व में चलाया गया था। इसी आंदोलन के बल पर हिटलर 1930 में जर्मनी का तानाशाह बन गया था। यह जर्मन तानाशाह एडोल्फ़ हिटलर की विचार धारा थी। यह विचारधारा सरकार और आम जन के बीच एक नये से रिश्ते के पक्ष में थी। इस के अनुसार सरकार की हर योजना में पहल हो परंतु फिर वह योजना जनता-समाज की भागिदारी से चले। कट्टर जर्मन राष्ट्रवाद, देशप्रेम, विदेशी विरोधी, आर्य और जर्मन हित इस विचार धारा के मूल अंग है। नाज़ी यहुदियों से सख़्त नफ़रत करते थें और यूरोप और जर्मनी में हर बुराई के लिये उन्हें ही दोषी मानते थे। नाज़ीयों ने केंद्र में अपनी सरकार बनते ही जर्मनी में हिटलर की तानाशाही स्थापित की और फिर यहुदियों के जर्मनी में दिन भर गये। द्वितीय विश्व युद्ध में यहुदियों के क़त्लेआम के पीछे भी नाज़ीयों का ही हाथ था।

वह यह मानते थे महीलाओं का उनके राज्य मैं ज्यादा महत्वपूण नागरिक है। पर तब भी उनके राज्य मैं महीलाओं को लेकर समानता नहीं थी। शुध रक्त वाले बच्चे पैदा करने वाली ही महीलाओं को सुख सुविधाए मिलती थी लेकिन अवांछित बच्चो को जन्म देने वाली महीलाओं को दंडित किया जाता था। आचार संहिता का उल्लंघन करने पर उन्हें गंजा कर मुहँ पर कालिख पोत कर पूरे समाज में घुमाया जाता था।