नवपाषाण क्रांति

नवपाषाण क्रांति को प्रथम कृषि क्रांति के रूप में भी जाना जाता है। यह अफ्रीकी-यूरेशिया में नवपाषाण युग के दौरान कई मानव संस्कृतियों के लिए व्यापक परिवर्तन का दौर था जिसमें शिकार और संग्रहण की जीवनशैली से लेकर कृषि और बसावट की जीवनशैली में परिवर्तन हुआ परिणामस्वरूप जनसंख्या में वृद्धि संभव हुई। इन स्थायी समुदायों ने मनुष्यों को पौधों का अवलोकन करने और उन पर प्रयोग करने का अवसर दिया तथा यह भी जानने का अवसर दिया कि वे कैसे उगते और विकसित होते हैं। इस नये ज्ञान के कारण पौधों को फसलों के रूप में विकसित किया जाने लगा।[1]
पृष्ठभूमि
[संपादित करें]पुरातात्विक आंकड़े दर्शाते हैं कि विभिन्न प्रकार के पौधों और जानवरों का पालन-पोषण दुनिया भर में अलग-अलग स्थानों पर हुआ जिसकी शुरुआत 11,700 साल पहले अंतिम हिमयुग की समाप्ति के बाद होलोसीन के भूवैज्ञानिक युग में हुई। यह मानव जाति का कृषि की ओर पहला ऐतिहासिक रूप से प्रमाणित परिवर्तन था। नवपाषाण क्रांति ने उपलब्ध खाद्य पदार्थों की विविधता को बहुत सीमित कर दिया जिसके परिणामस्वरूप मानव पोषण की गुणवत्ता में पहले की तुलना में कमी आई।[2] लेकिन इस समय तक खाद्य उत्पादन अधिक कुशल हो गया था इसलिए इसने मनुष्यों को अन्य गतिविधियों में अपने प्रयासों को निवेश करने के लिए स्वतंत्र कर दिया और इस प्रकार यह आधुनिक सभ्यता के उदय के लिए अंततः आवश्यक हो गया क्योंकि इसने बाद में औद्योगीकरण और सतत आर्थिक विकास की प्रक्रिया के लिए आधार तैयार किया।[3]
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ लेविन, रोजर (2009). ह्यूमन इवोल्यूशन: एन इलस्ट्रेटेड इंट्रोडक्शन (अंग्रेज़ी में) (5 संस्करण). मालदेन,मैसाचुसेट्स: ब्लैकवेल. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-4051-5614-1.
- ↑ लार्सेन, क्लार्क स्पेंसर (1 जून 2006). "द एग्रीकल्चरल रिवोल्यूशन ऐज एनवायरनमेंटल काटास्ट्रोफी: इंप्लीकेशंस फॉर हेल्थ एंड लाइफस्टाइल इन द होलोसीन". क्वार्टरनरी इंटरनेशनल. पपृ॰ 12–20. डीओआइ:10.1016/j.quaint.2006.01.004. अभिगमन तिथि 17 जनवरी 2025.
- ↑ वेस्डॉर्फ, जैकब एल. (2005). "फ्रॉम फॉरेजिंग टू फार्मिंग: एक्सप्लेनिंग द नियोलिथिक रिवोल्यूशन". जर्नल ऑफ इकोनॉमिक सर्वेंज (अंग्रेज़ी में). 19 (4): 561–586. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 1467-6419. डीओआइ:10.1111/j.0950-0804.2005.00259.x.