नवजीवन ट्रस्ट
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नवजीवन ट्रस्ट भारत के अहमदाबाद (गुजरात) स्थित पुस्तकों के प्रकाशक हैं। इसकी स्थापना सन १९२९ में महात्मा गांधी ने की थी।[1] नवजीवन ने अब तक हिन्दी, गुजराती, अंग्रेजी एवं अन्य भाषाओं में कोई ८०० पुस्तकें प्रकाशित की है। अभी हाल में ही (दिसम्बर २००८) इन पुस्तकों से नवजीवन ट्रस्ट का कॉपीराइट समाप्त हुई है।
उद्देश्य
[संपादित करें]नवजीवन का अर्थ होता है - नया जीवन। इसकी स्थापना के समय इसका घोषित उद्देश्य था - शान्तिपूर्ण तरीकों से हिन्द स्वराज की प्राप्ति ; अर्थात भारत के लिये स्वराज की प्राप्ति। इसके लिये संस्कारित एवं विद्वान कार्यकर्ताओं के द्वारा लोगों को शिक्षित करना इसका उद्देश्य था।
क़ैदियों के जीवन में सुधार का प्रयास
[संपादित करें]इस ट्रस्ट अहमदाबाद के केन्द्रीय थाने के कैदियों के लिए 15 अक्टूबर 2018 से पत्रकारिता कोर्स शुरू किया । यह देश में ऐसा एकमात्र कोर्स है[2]।
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "संग्रहीत प्रति". Archived from the original on 15 मई 2008. Retrieved 5 जनवरी 2009.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". Archived from the original on 13 अक्तूबर 2018. Retrieved 12 अक्तूबर 2018.
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बाह्री कड़ियाँ
[संपादित करें]- नवजीवन ट्रस्ट का जालघर (अंग्रेजी में)
- नवजीवन ट्रस्ट है राष्ट्रपिता का उत्तराधिकारी (वेबदुनिया)
- कोई भी छाप सकेगा गांधीजी के विचार[मृत कड़ियाँ]
- ई-बुक्स से गांधीवादी साहित्य को 'नवजीवन' (नईदुनिया-जागरण)