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नर्वा–एंटोनिन राजवंश

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नर्वा-एंटोनिन राजवंश सात रोम सम्राटों का एक समूह था, जिन्होंने सन् 96 ईसवी से 192 ईसवी तक शासन किया। ये सात राजा नर्वा (96–98), त्राजान (98–117), हैड्रियन (117–138), एंटोनिनस पियस (138–161), मार्कस ऑरेलियस (161–180), लुसियस वेरस (161–169) और कॉमोडस (177–192) थे। इनमें से पहले पाँच सम्राटों को सामान्यत: "पाँच अच्छे सम्राट" के रूप में जाना जाता है।[1]

इस राजवंश की विशेषता थी कि अधिकांश सम्राटों के पास उत्तराधिकारी के रूप में कोई पुत्र नहीं था और वे अपने उत्तराधिकारी के रूप में एक योग्य व्यक्ति को गोद लेते थे। रोम के कानून के अनुसार, गोद लेना रक्त संबंध जितना ही महत्वपूर्ण था और इस कारण से इस राजवंश के अधिकांश सम्राटों को 'गोद लिए सम्राट' कहा जाता है।[2]

यह प्रथा एक विशेष रूप से स्थिर और समृद्ध काल को प्रकट करती है, क्योंकि इसमें सत्ता के उत्तराधिकार का निर्धारण केवल रक्त संबंध पर आधारित नहीं था, बल्कि सम्राट के द्वारा चुने गए व्यक्ति की योग्यता पर निर्भर था। हालांकि यह कोई नई प्रथा नहीं थी, पहले भी रोम के सम्राटों ने अपने उत्तराधिकारी गोद लिए थे, जैसे सम्राट ऑगस्टस ने टिबेरियस को, और सम्राट क्लॉडियस ने नीरो को गोद लिया था।

राजवंश के अंत का समय कॉमोडस की हत्या (192 ई॰) से जुड़ा है, जिसके बाद रोम साम्राज्य में 'पाँच सम्राटों का वर्ष' नामक एक अस्थिर काल आया। इस अवधि के बाद, सेवरन राजवंश की स्थापना हुई।

नर्वा-एंटोनिन राजवंश को रोम के इतिहास में एक विशेष स्थान प्राप्त है, क्योंकि इस काल में प्रशासनिक सुधार, सैन्य विजय और सांस्कृतिक समृद्धि के अनेक उदाहरण देखने को मिले।[3]

सन्दर्भ

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  1. "Nerva-Antonine Dynasty". हिस्ट्री गिल्ड (in ब्रिटिश अंग्रेज़ी). Retrieved 2025-01-21.
  2. "The Nerva-Antonine Dynasty | Western Civilization". लुमेन लर्निंग (in अंग्रेज़ी). Retrieved 2025-01-21.
  3. Griffin, Miriam (2000), Bowman, Alan K.; Rathbone, Dominic; Garnsey, Peter (eds.), "Nerva to Hadrian", The Cambridge Ancient History: Volume 11: The High Empire, AD 70–192, The Cambridge Ancient History, vol. 11 (2 ed.), Cambridge University Press, pp. 84–131, ISBN 978-0-521-26335-1, retrieved 2025-01-21