धनंजयन दम्पति
वी पी धनंजयन और शांता धनंजयन | |
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2009 में एक संगीत समारोह में प्रदर्शन करते धनंजयनस | |
जन्म |
वन्नाडिल पुडियावीटटील धनंजयन, 17 अप्रैल 1939 12 अगस्त 1943 पय्यानूर, केरल, भारत |
वेबसाइट bharatakalaanjali |
"धनंजयन दम्पति" वन्नाडिल पुडियावीटटील धनंजयन (जन्म 17 अप्रैल 1939) और शांता धनंजयन (जन्म 12 अगस्त 1943), जिन्हें धनंजयनस के नाम से भी जाना जाता है, भारत के एक नृत्य युगल हैं और उन्हें 2009 में पद्म भूषण से बिभूषित किया गया था। वे वोडाफोन के कई विज्ञापनों में आशा और बाला के रूप में प्रदर्शित भी हुए हैं। [1]
व्यक्तिगत जीवन
[संपादित करें]वी पी धनंजयन का जन्म 17 अप्रैल 1939 को भारत के केरल राज्य के कन्नूर जिले के पय्यानूर शहर में एक मलयाली पोडुवल परिवार में हुआ था। वह एक 8 भाई बहन के परिवार मे पेदा हुऐ जिनका जीवन निर्वाह काफी मुश्किल से होता था। उनके पिता ने उन्हें और उनके भाई वी बालगोपालन को कलाक्षेत्र के कथकली मास्टर गुरु चंदू पनिकर के अधीन कथकली की कला सिखाने के लिए भेजने का फैसला किया जो कि एक आकक्षमिक घटना थी। धनंजयन 5 अक्टूबर 1953 को कलाक्षेत्र में शामिल हुए और 1955 से 1967 तक रुक्मिणी देवी (कलाक्षेत्र के संस्थापक) के नेतृत्व में एक प्रमुख पुरुष नृत्यकार थे। उन्होंने कलाक्षेत्र से भरतनाट्यम और कथकली मे स्नातकोत्तर डिप्लोमा और साथ मे अर्थशास्त्र और राजनीति में स्नातक किया।
शांता धनंजयन का जन्म 12 अगस्त 1943 को मलेशिया में एक मलयाली नायर परिवार में हुआ था। उनके पूर्वज केरल से मलेशिया चले गए थे। वह बचपन से प्रतिभाशाली थी और 3 साल की उम्र में उसके माता-पिता का मानना था कि शांता बड़े होकर एक नर्तकी बन जाएगी। उनके माता-पिता ने उनमे नृत्य की जन्मजात प्रतिभा दिखाई दि और उन्हें भारत भेजने का फैसला किया। उन्हे जून 1952 में 8 साल के उम्र मे कला क्षेत्र में भेजा गया। धनंजयन के आने से एक साल पहले, उन्होंने कला के क्षेत्र में भरतनाट्यम मे स्नातकोत्तर की डिग्री के साथ डिप्लोमा अर्जित किया। उन्होंने कथकली और कर्नाटक संगीत भी सीखा। वह 1955 से 1966 तक कला के क्षेत्र में अग्रणी महिला नर्तकियों में से एक थीं।
उनके दो बेटे हैं। सबसे बड़ा बेटा संजय है जो अमरीका में रहता है और छोटा बेटा सत्यजीत [2] एक कुशल कार फोटोग्राफर और डांसर है। वह अपनी पत्नी और बेटे के साथ चेन्नई, भारत में रहते हैं।[3]
कलाक्षेत्र में
[संपादित करें]गुरु चंदू पणिक्कर के देख रेख के कारण धनंजयन एक कलाकार के रूप स्थापित हो सके। धनंजयन को कलाक्षेत्र में भरतनाट्यम, कथकली, मृदंगम और संगीत का अध्ययन करने के लिए छात्रवृत्ति मिली। शांता ने लगभग एक दशक तक भरतनाट्यम और संगीत के अलावा अन्य विषयों का प्रशिक्षण लिया। उनका मानना है कि आज वे जो कुछ भी हासिल कर पाए हैं, वह उनके गुरु रुक्मिणी देवी अरुंडेल और चंदू पणिक्कर और कलाक्षेत्र के अन्य सदस्यों जैसे एन एस जयलक्ष्मी और शारदा हॉफमैन की मेहनत और सलाह के कारण है।
कलाक्षेत्र में रहते हुए धनंजयन ने पहली बार शांता को देखा। हालाँकि शांता एक गंभीर छात्र थी जो अपने नृत्य और संगीत के लिए पूरी तरह से समर्पित थी, उसने 12 साल की उम्र में, अपने जीवन साथी के रूप मे धनंजयन को गुप्त रूप से अपना मन मे बना लिया था। धनंजयन ने 18 वर्ष की आयु में शांता से शादी करने की इच्छा व्यक्त की, लेकिन वह स्नातक होने के बाद मलेशिया के लिए रवाना हो गई और 4 साल बाद भारत लौटने तक उसे अपनी सहमति का पता नहीं चलने दिया। उन्होंने 1966 में केरल के गुरुवायूर मंदिर में शादी की।
व्यवसाय
[संपादित करें]नृत्य युगल
[संपादित करें]धनंजयन दम्पति ने 1960 के दशक के आखिर में अपने दम पर एक कैरियर बनाने के लिए कलाक्षेत्र छोड़ दिया। उस समय के दौरान, केवल अमीर और अभिजात वर्ग के लोग जो अपने बच्चों के प्रदर्शन के लिए खर्च कर सकते थे, चेन्नई के नृत्य क्षेत्र पर हावी थे। हालाँकि, धनंजयन कि क्षमता ऐसी थी कि उन्होंने अपने नए विचारों जो उन्होंने खुद विकसित किये थे, जो कि वे एक अनोखे प्रदर्शनों के माध्यम से अपनी प्रस्तुतियों में लाए थे। नृत्य, उनकी वेशभूषा, पुरुष और महिला नृत्य सिद्धांतों को विशेष रूप से कल्पना युगल में विलय करने का आकर्षण, उनके प्रदर्शन के करिश्मे का हिस्सा थे। उन्हें देश के भीतर और विदेशों से भी निमंत्रण मिलने लगे। उन्होंने अपनी कला को प्रस्तुत करने के लिए दुनिया भर के प्रमुख सांस्कृतिक केंद्रों की यात्रा की है।
उनके कुछ प्रमुख प्रदर्शन / प्रस्तुतियों में शामिल हैं:[4]
- पंडित रविशंकर का मैग्नम ओपस "घनश्याम" 1989/90
- नेशनल डांस इंस्टीट्यूट, न्यूयॉर्क "चाका", जिसमें 1,000 बहुराष्ट्रीय बच्चे थे
- ओहियो बैले कं, कुआहोगा कम्युनिटी कॉलेज और क्लीवलैंड कल्चरल एलायंस - जंगल बुक बैले का संयुक्त उद्यम
- सिंगापुर सरकार के अंतर्राष्ट्रीय कला महोत्सव के लिए कोरियोग्राफर, "सीता राम कथा" 1986 में एक ही उत्सव में नृत्य कलाकार "संघमित्रा" सिंगापुर कलाकारों के साथ 1994
- 1998, 1999 में फ्रांसीसी द्वीप रीयूनियन, मे फ्रेंच थिएटर फ़्लुअरी एंड एसोसिएशन वाणी द्वारा संयुक्त रूप से किया गया महाभारतम् नृत्य नाटक
सम्मान
[संपादित करें]धनंजयनस को मिले कुछ प्रमुख पुरस्कार और सम्मान:
- पद्म भूषण, भारत सरकार, 2009[5]
- नृत्य रत्नाकर, क्लीवलैंड आराधना, यूएसए, 2009
- डाक्टरिट कि उपाधि वाल्स विश्वविद्यालय, 2009
- लाइव मैगज़ीन अचीवमेंट अवार्ड (ओहियो स्टेट एकेडमी अवार्ड) 1997 (ओहियो बैले कंपनी के लिए जंगल बुक डांस कोरियोग्राफी के लिए वर्ष 96-97 के सर्वश्रेष्ठ नाटकीय उत्पादन के लिए)
- 1996 मे उत्कृष्ट सामुदायिक सेवा और अंतर्राष्ट्रीय समझ कला के माध्यम से के लिए ओहियो राज्य के गवर्नर द्वारा सम्मानित किया गया पलाक ऑफ ऑनर
- केरल संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप, 1993
- संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, भारत सरकार, 1994
- कलीममणि पुरस्कार, तमिलनाडु सरकार, 1990
- हरिदास संगीत सम्मेलन श्रीसिंगार संसद मुंबई "नृत्यविलास" पुरस्कार 1989
- मुंशी शताब्दी स्मारक पुरस्कार, भारतीय विद्या भवन, लंदन यूके 1988
- यूनेस्को पेरिस, मेडेलियन डी मेरिट 1984
- नृत्य चूडामणि, कृष्णा गण सभा, चेन्नई, 1983
- स्क्रॉल ऑफ़ ऑनर आर्ट्स एंड क्राफ्ट्स मैगज़ीन, नई दिल्ली को तत्कालीन उपराष्ट्रपति माननीय, के.आर.नारायणन द्वारा सम्मानित किया गया
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ http://www.livedailynews.in/news/vodafoe-new-campaign[मृत कड़ियाँ]
- ↑ "Studio Satyajit official Website". मूल से 8 February 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 July 2019.
- ↑ Bharata Kalanjali Website – Biography
- ↑ Dancer on Dance, V.P Dhananjayan, Bharata Kalanjali
- ↑ "Padma Awards" (PDF). Ministry of Home Affairs, Government of India. 2015. मूल (PDF) से 15 November 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 July 2015.