देवमणि पांडेय

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[1]4 जून 1958 को अवध की माटी में जन्मे देवमणि पांडेय हिंदी, उर्दू और संस्कृत के सहज साधक हैं। महत्वपूर्ण कवि तो हैं ही मंच संचालन के महारथी हैं। कवि सम्मेलन, मुशायरा और सुगम संगीत से लेकर शास्त्रीय संगीत तक के कार्यक्रमों का सहज संचालन करते हैं। अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन ताशकंद में सन् 2012 में सृजनगाथा डाॅट काम की ओर से उन्हें सृजनश्री सम्मान प्राप्त हुआ। मारवाड़ी सम्मेलन मुम्बई की ओर से सन् 2014 में घनश्यामदास सराफ साहित्य पुरस्कार प्रदान किया गया। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर के अंतर्राष्ट्रीय साहित्य उत्सव में सन् 2016 में उन्हें साहित्य गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया।

सिनेमा में गीत लेखन - बतौर सिने गीतकार देवमणि पांडेय के कैरियर की शुरूआत निर्देशक तिग्मांशु धूलिया की फ़िल्म 'हासिल' से हुई। फ़िल्म पिंजर में उनके लिखे गीत "चरखा चलाती मां" को सन् 2003 के लिए ज़ी म्यूज़िक की ओर से बेस्ट लिरिक ऑफ दि इयर अवार्ड से नवाज़ा गया। गीतकार देवमणि पांडेय ने 'कहां हो तुम' और 'तारा : दि जर्नी आफ लव' आदि फ़िल्मों को भी अपने गीतों से सजाया है। उन्होंने सोनी चैनल के धारावाहिक 'एक रिश्ता साझेदारी का' स्टार प्लस के सीरियल 'एक चाबी है पड़ोस में' और ऐंड टीवी के धारावाहिक 'येशु' में भी अपने क़लम का जादू दिखाया है। संगीत अलबम गुज़ारिश, तन्हा तन्हा और बेताबी में उनकी ग़ज़लें शामिल हैं।

सिनेमा में शामिल प्रमुख गीत- (1) चरखा चलाती मां : फिल्म 'पिंजर', संगीतकार उत्तम सिंह, गायिका प्रीति उत्तम। (2) पुलिस केस ना बन जाए : फिल्म 'हासिल', संगीतकार जतिन ललित, गायिका ऋचा शर्मा। (3) सपनों की वादी में : फिल्म 'कहां हो तुम', संगीतकार रजत ढोलकिया, गायक शंकर महादेवन, के के, शान। (4) छलका है मौसम का जादू : फिल्म' कहां हो तुम', संगीतकार रजत ढोलकिया, गायिका सुनिधि चौहान। (5) परदेसी राजा घर लौट के आ जा: फ़िल्म 'तारा- द जर्नी ऑफ लव', संगीतकार सिद्धार्थ कश्यप, गायिका मधुश्री।


देश विदेश की प्रमुख पत्रिकाओं में देवमणि पांडेय की कविताएं, लेख, साक्षात्कार और संस्मरण प्रकाशित हो चुके हैं। उन्होंने मुम्बई के सांध्य दैनिक 'संझा जनसत्ता' में कई सालों तक साप्ताहिक स्तम्भ 'साहित्यनामचा' का लेखन किया। मुंबई की सांस्कृतिक निर्देशिका संस्कृति संगम (1997-2015) के संपादक देवमणि पांडेय फ़िलहाल इंशाद फाउंडेशन के निदेशक हैं। कला, साहित्य एवं संस्कृति के आयोजनों के संचालन और संयोजन में सक्रिय हैं।

अब तक इनके चार कविता-संग्रह और संस्मरणों की एक पुस्तक प्रकाशित हुई है। इनकी प्रकाशित पुस्तकें हैं:

काव्य संग्रह- दिल की बातें (1999), ख़ुशबू की लकीरें (2005), अपना तो मिले कोई (2012), कहां मंज़िलें कहां ठिकाना ( 2020)

संस्मरण- अभिव्यक्ति के इंद्रधनुष : सिने जगत की सांस्कृतिक संपदा (2021)


[2][3]

  1. देवमणि, पांडेय. "देवमणि पांडेय". https://www.hindisamay.com/writer/%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B5%E0%A4%AE%E0%A4%A3%E0%A4%BF-%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%A1%E0%A5%87%E0%A4%AF-Devmani-Pandey.cspx?id=507. |website= में बाहरी कड़ी (मदद); गायब अथवा खाली |url= (मदद)
  2. देवमणि, पांडेय. "देवमणि पांडेय". https://www.hindisamay.com. |website= में बाहरी कड़ी (मदद)
  3. देवमणि, पांडेय. "देवमणि पांडेय का परिचय". https://www.rekhta.org. |website= में बाहरी कड़ी (मदद)