दुर्गा कुंड, वाराणसी
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बनारस में अस्सी रोड से कुछ ही दूरी पर आनन्द बाग के पास दुर्गा कुण्ड नामका स्थान है। यहां आदिशक्ति का दुर्गा मंदिर भी है। यह मंदिर और कुंड का निर्माण १८ वी सदी में बंगाल की महारानी ने करवाया था। यह कुंड पहले गंगा नदी से जुड़ा हुआ था। माना जाता है कि यहां देवी माता की मूर्ति स्वयंभू प्रकट हुई थी। कालांतर में वाराणसी नगर महापालिका सुन्दरी करण के अंतर्गत खूबसूरत फव्वारे का निर्माण किया ।[1]
नवरात्रि सावन तथा मंगलवार और शनिवार को इस मंदिर में भक्तों की काफी भीड़ रहती है। इसी के पास राम चरित मानस के रचइता गोस्वामी तुलसी दास जी द्वारा स्थापित हनुमान जी का संकटमोचन मंदिर भी है।
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "Durga Temple". Varanasi City website. मूल से 22 अप्रैल 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १ मार्च २०१५.