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दीर्घ अस्थि

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दीर्घ अस्थियाँ (long bones अथवा लंबी हड्डियाँ) उन अस्थियों के लिए काम में लिया जाने वाला शब्द समूह है जिनकी लम्बाई उनकी चौड़ाई से अधिक होती है। शरीर में पाँच प्रकार की अस्थियाँ होती हैं: दीर्घ, लघु, चपटी, अनियमित और कंडरास्थि (अथवा वर्तुलिकास्थि)। ऊर्विका और अंतर्जंघिका (टिबिया) जैसी दीर्घ अस्थियाँ दैनिक कार्यों के दौरान ज्यादा भार को सहन करती हैं और यह कंकाल की गतिशीलता के लिए महत्वपूर्ण होती हैं। सीसामोइड हड्डियों में पटेला हड्डी शामिल होती है। अनियमित हड्डियों में कशेरुका शामिल होती है। चपटी हड्डियों में स्केपुला व पसलिया शामिल होती है। छोटी हड्डियों में कार्पल व टारसल हड्डियां शामिल होती है।

विकास और विकासशीलता

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  • लंबाई में वृद्धि : दीर्घ अस्थियों का आकार मुख्य रूप से डाइफाइसिस (अस्थिवर्ध) के बढ़ने के कारण बढ़ता हैं, जिसके प्रत्येक छोर पर एक एपिफाइसिस (अधिवर्ध) होता है।
  • उपास्थि : एपिफाइसिस के छोर हायलाइन कार्टिलेज ("आर्टिकुलर कार्टिलेज") से ढके होते हैं। दीर्घ अस्थियों की लंबाई में वृद्धि एपिफ़िसियल प्लेट पर एंडोकॉन्ड्रल ओसिफिकेशन के परिणामस्वरूप होती है।
  • हॉर्मोन: लंबाई में हड्डियों की वृद्धि ग्रोथ हॉर्मोन (GH) के उत्पादन से प्रेरित होती है, जो पिट्यूटरी ग्रंथि के अग्र भाग से स्रावित होती है।[1]

दीर्घ अस्थियों के प्रकार

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दीर्घ अस्थियों में शामिल हैं:

  1. पैर की हड्डियाँ: फीमूर, टिबिया, और फिबुला।
  2. हाथ की हड्डियाँ: ह्यूमरस, रेडियस, और अल्ना।
  3. हाथ और पैर की छोटी हड्डियाँ: मेटाकार्पल्स और मेटाटार्सल्स।
  4. उंगलियों और पैर की उंगलियों की हड्डियाँ: फालैंजेस।
  5. कॉलर बोन: क्लेविकल्स।[2]
  • बाहरी आवरण: हड्डी के बाहर एक संयोजी ऊतक की परत होती है जिसे पेरीओस्टियम कहते हैं।
  • कम्पैक्ट बोन: बाहरी आवरण के नीचे कॉम्पैक्ट बोन की एक परत होती है, जो कठोर और घनी होती है।
  • स्पंजी बोन: कॉम्पैक्ट बोन की परत के नीचे स्पंजी कैंसल्लोस बोन होती है।
  • मेरो कैविटी: स्पंजी बोन के अंदर मेड्युलरी कैविटी होती है, जिसमें हड्डी का मज्जा होता है। यह पोषक तत्वों को संचित करता है और कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है। वयस्कों में यह पीला मज्जा और बच्चों में लाल मज्जा होता है।[3]

चिकित्सीय महत्व

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लम्बी हड्डियों के दो जन्मजात विकार होते हैं:

  1. राचिटिस फेटालिस एनुलारिस: इस विकार में दीर्घ अस्थियों के छोर (एपिफ़िसिस) बढ़ जाते हैं।
  2. राचिटिस फेटालिस माइक्रोमेलिका: इस विकार में हड्डियों की वृद्धि में कमी (हड्डियों की लंबाई में कमी) होती है।[4]

दीर्घ अस्थियों को लंबा करने के लिए एक सर्जिकल प्रक्रिया होती है जिसे डिस्ट्रैक्शन ऑस्टियोजेनेसिस कहते हैं। इस प्रकार, दीर्घ अस्थियाँ हमारी शारीरिक संरचना और गतिशीलता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।[5]

इन्हें भी देखें

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सन्दर्भ

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  1. "Classification of Bones | SEER Training". training.seer.cancer.gov. अभिगमन तिथि: 2024-06-27.
  2. OpenStaxCollege (2013-03-06). "Bone Structure" (अंग्रेज़ी भाषा में). {{cite journal}}: Cite journal requires |journal= (help)
  3. Nelms, Marcia; Sucher, Kathryn P. (2019). Nutrition Therapy and Pathophysiology. Cengage Learning. p. 731. ISBN 9780357390597.
  4. al.], consultants Daniel Albert ... [et (2012). Dorland's illustrated medical dictionary (32nd ed.). Philadelphia, PA: Saunders/Elsevier. p. 1570. ISBN 978-1-4160-6257-8.
  5. Mucci, Grace A.; Torno, Lilibeth R. (2015). Handbook of Long Term Care of The Childhood Cancer Survivor. Springer. p. 163. ISBN 9781489975843.