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दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे

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दिल्ली-मेरठ एक्स्प्रेसवे
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे
मार्ग की जानकारी
लंबाई: 96 कि॰मी॰ (60 मील)
प्रमुख जंक्शन
आरम्भ: नई दिल्ली
तक: मेरठ
भाग १: निजामुद्दीन सेतु - दिल्ली उ.प्र.सीमा
लंबाई: 8.7 कि॰मी॰ (5.4 मील)
आरम्भ: निजामुद्दीन सेतु, नई दिल्ली
तक: यूपी गेट, दिल्ली - उ.प्रदेश सीमा
भाग २: दिल्ली-उ.प्र। सीमा - डासना
लंबाई: 19.2 कि॰मी॰ (11.9 मील)
आरम्भ: यूपी गेट, दिल्ली - उ.प्र सीमा
तक: डासना, गाजियाबाद
भाग ३: डासना - हापुड
लंबाई: 22.2 कि॰मी॰ (13.8 मील)
आरम्भ: डासना, गाजियाबाद
तक: हापुड
भाग ४: डासना - मेरठ
लंबाई: 46 कि॰मी॰ (29 मील)
आरम्भ: डासना, गाजियाबाद
तक: परतापुर, मेरठ
स्थान
राज्य:दिल्ली, उत्तर प्रदेश


दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे एक 90 किलोमीटर लम्बा निर्माणाधीन द्रुतगामी मार्ग है  | जो की दिल्ली से प्रारम्भ हो कर मेरठ पर ख़त्म होता है। यह राजमार्ग अभिगम नियंत्रण द्रुतगामी मार्ग होगा। इस द्रुतगामी मार्ग पर 14 लेन दिल्ली से डासना तक होंगी तथा 6 लेन डासना से मेरठ तक होंगी |

भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्रमोदी जी ने 31 दिसंबर 2015 को इस मार्ग का उद्घाटन किया था | इस मार्ग की कुल लागत 7,855.87  करोड़ भारतीय रूपये हैं |

प्रारूप

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ये राजमार्ग द्रुतगामी मार्ग से शुरू होगा जो डासना तक 14 लेन का होगा |

यूपी गेट से डासना तक 8 लेन का छह हाई- वे आएगा। छह लेन का एक्सप्रेस- वे भी साथ चलेगा। डासना से मेरठ आने के पूर्व एक्सप्रेस- वे दो शाखाओं में बंट जाएगा। एक शाखा जुर्रानपुर- हापुड़ रोड की तरफ निकल जाएगी। जबकि दूसरी शाखा भूड़बराल के पास नौ किमी की होगी। यह भी छह लेन का होगा। बाद में 14 लेन तक के विस्तार का विकल्प रखा जाएगा।

ये भारत का प्रथम 14 लेन राजमार्ग होगा इस तरह से यह निर्माण पूर्ण होने के बाद भारत का सबसे चौड़ा राजमार्ग बन जायेगा। इस हाईवे पर 14 लेन के अलावा 2.5 मीटर का साइकिल ट्रैक भी होगा।देश के सबसे चौड़े इस सड़क पर बीच में 6 लेन का एक्सप्रेस वे होगा और दोनों तरफ 4 लेन के हाईवे होंगे ताकि शहर के ट्रैफिक को बाहर से आने जाने वाले ट्रैफिक से अलग किया जा सके. इस एक्सप्रेस वे का पहला चरण करीब नौ किलोमीटर का है. जिसमें यमुना पुल पर वर्टिकल गार्डेन और सड़कों पर सोलर लाइट भी लगेंगे. सड़क के किनारे 40,000 पौधे भी लगाए जायेंगे। [1]

होने वाले कार्य

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प्रोजेक्ट डायरेक्टर के अनुसार खोड़ा पहला पुश्ता के पास वाहन अंडर पास बनेगा। इससे आधा किमी आगे चलकर दूसरा अंडर पास होगा। फिर हर अंडरपास 400 से छह सौ मीटर की दूरी पर बनेगा।

यानी एक अंडरपास से दूसरे की दूरी आधा किमी से भी कम होगी। हरनंदी पुल के बाद दो अंडरपास लक रोड और नोएडा एक्सटेंशन के पास बनेंगे। इसके बाद अगले दो अंडर पास तीन और चार किमी की दूरी पर और उससे आगे के सभी अंडर पास एक किमी की दूरी पर बनाए जाएंगे। यूपी बार्डर पर नया ओवरब्रिज बनेगा।

यमुना सेतु के अलावा अक्षरधाम, गाजीपुर व फ्रेट कांप्लेक्स (मछली मंडी) ओवरब्रिजों को चौड़ा किया जाएगा। मेट्रो लाइन व गाजीपुर नाले के निकट छोटे पुल, पटपड़गंज, लक्ष्मीनगर व गाजीपुर के निकट अंडरपास तथा रिंग रोड व अक्षरधाम के निकट ओवरपास भी चौड़े होंगे।

एक सीआईएसएफ-विजयनगर के बीच और दूसरा लालकुआं के पास, दो नए बड़े ओवरब्रिज बनाए जाएंगे | कई अंडरपास, फुट ओवरब्रिज व बस स्टैंड बनाए जाएंगे। इनमें खोड़ा, साईं मंदिर, शिप्रा मॉल, विजयनगर शामिल हैं।

सन्दर्भ

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  1. "आजतक". आजतक. 14 नवंबर 2017. मूल से 14 नवंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 दिसंबर 2017.