सामग्री पर जाएँ

दाबविद्युतिकी

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
दाब-विद्युत का सिद्धान्त : दबाने पर वोल्टेज पैदा होता है, और खींचने पर भी
दाब-विद्युत बज़र : जिस आवृत्ति का वोल्टेज इसे दिया जाता है, उसी आवृत्ति पर कम्पन पैदा करता है।

कुछ ठोस पदार्थों (जैसे क्रिस्टल, सिरैमिक्स, अस्थि, डीएनए और विभिन्न प्रकार के प्रोटीन आदि जैविक पदार्थ) पर यांत्रिक प्रतिबल (स्ट्रेस) लगाने पर उन पर आवेश एकत्र हो जाता है। इसी को दाबविद्युत (Piezoelectricity) कहते हैं तथा इस प्रभाव का नाम दाबविद्युत प्रभाव (पिजोएलेक्ट्रिक इफेक्ट) है।

दाबविद्युत के बहुत से उपयोग हैं जैसे ध्वनि के अस्तित्व का पता करना या ध्वनि उत्पन्न करना, उच्च विभव उत्पन्न करना, सूक्ष्मतुला (मामिक्रोबैलेंस), एलेक्ट्रॉनिक आवृत्ति जनित्र, गैस लाइटर आदि।

इन्हें भी देखें

[संपादित करें]

बाहरी कड़ियाँ

[संपादित करें]