दत्तात्रय गणेश गोडसे

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दत्तात्रय गणेश गोडसे (३ जुलाई १९१४ -- ५ जनवरी १९९२) भारत के इतिहासकार, नाटककार, चित्रकार, नेपथ्यकार, लेखक, कला समीक्षक थे। उन्होंने वि.का. राजवाडे और म.वा. धोंड का अनुसरण करते हुए केवल मराठी भाषा में लेखन किया। १९८८ में उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।[1]

कृतियाँ[संपादित करें]

  • ऊर्जायन (१९८५)
  • काळगंगेच्या काठी (१९७४) (नाटक)
  • काही कवडसे
  • गतिमानी (१९७६)
  • दफ्तनी (१९९२)
  • दीनानाथ दलाल, १९१६-१९७१ (सहलेखक : प्रभाकर कोलते, वसन्त सरवटे)
  • नांगी असलेले फुलपाखरू (१९८९)
  • पोत (१९६३)
  • प्रतिमा (भाषान्तरित)
  • सोंग
  • भारलेल्या जगातून आलेला अलौकिक माणूस (लेख)
  • मस्तानी (१९८९)
  • मातावळ (१९८१)
  • लोकधाटी (१९७९)
  • वाद-संवाद : निषाद आणि शमा (२००३) (सहलेखक - मं.वि. राजाध्यक्ष)
  • वाक विचार (१९९३)
  • शाकुन्तल (कालिदास के अभिज्ञानशाकुन्तलम् का मराठी रूपान्तर)
  • शक्तिसौष्ठव (१९७२)
  • संभाजीचे भूत
  • समंदे तलाश (लेखसंग्रह) (१९८१)
  • The Genius from an Enchanted land (चित्रकार दीनानाथ दलाल यांच्या विषयीचे लेखन)

सन्दर्भ[संपादित करें]