दक्षिण अफ्रीका में हिन्दी
विश्व में हिन्दी |
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हिन्दी भाषा प्रवेशद्वार |
दक्षिण अफ्रीका में हिन्दी भाषा एक अनुमान के अनुसार लगभग 9 लाख लोग बोलते हैं।[1] 22 से 24 सितम्बर 2012 के मध्य यहीं जोहांसबर्ग में नौवाँ विश्व हिन्दी सम्मेलन भी हुआ था। एक स्थान पर यहाँ हिन्दी बोलने वालों कि संख्या 8,90,292 लिखी गई थी।[2]
हिन्दी शिक्षा संघ
[संपादित करें]हिन्दी शिक्षा संघ एक हिन्दी सेवी संस्थान है जो दक्षिण अफ्रीका में हिन्दी के प्रचार और प्रसार का कार्य करती है। पंडित नरदेव वेदलंकार जिनका जन्म 1915 को गुजरात, भारत में हुआ था, वे दक्षिण अफ्रीका आए। इस दौरान उन्होंने देखा कि हिन्दी भाषा का सही तरीके से विकास नहीं हो रहा है। इसके बाद 25 अप्रैल 1948 को उन्होंने हिन्दी बोलने वालों की एक बैठक बुलाई और अपने मातृभाषा के प्रचार और प्रसार का तरीका खोजने के लिए कहा। इसके बाद उन्होंने "हिन्दी शिक्षा संघ" की स्थापना की। इस कार्य हेतु कुल 35 हिन्दी पाठशाला जुड़े। पंडित जी को इसके बाद पता चला कि हिन्दी सिखाने वाले शिक्षक ही हिन्दी ठीक से नहीं बोल पाते हैं। इसके बाद उन्होंने हिन्दी शिक्षकों को हिन्दी पढ़ाना शुरू किया। जिससे वे अन्य विद्यार्थियों को सही तरीके से हिन्दी सीखा सकें।[3]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ पाण्डेय, श्रुतिकान्त (2014). हिन्दी भाषा और इसकी शिक्षण विधियाँ. अभिगमन तिथि 24 मार्च 2016.
- ↑ "Hindi: The language of songs" (अंग्रेज़ी में). मूल से 15 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 मार्च 2016.
- ↑ "About Us - HISTORY OF THE HINDI SHIKSHA SANGH". hsssa.net (अंग्रेज़ी में). हिन्दी शिक्षा संघ. मूल से 3 अप्रैल 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 मार्च 2016.
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- हिन्दी शिक्षा संघ दक्षिण अफ्रीका