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दक्षिण अफ़्रीका का इतिहास

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दक्षिण अफ़्रीका के पहले ज्ञात निवासियों को सामूहिक रूप से खोइसन, खोएखो और सैन के रूप में जाना जाता है। लगभग 400 ई. के आरंभ में इन समूहों में बंटू जातीय समूह शामिल हो गए। वे पश्चिमी तथा मध्य अफ़्रीका से पलायन कर गए थे। ये बंटू समूह मुख्य रूप से उत्तर मध्य लौह युग (1000-1300 ई.) तक साउथपैन्सबर्ग के उत्तरी क्षेत्र और दक्षिण अफ़्रीका के उत्तरपूर्वी हिस्से तक सीमित थे। इसके पश्चात् वे देश के अंदरूनी हिस्सों में दक्षिण की ओर पलायन करने लगे।

शोध वैज्ञानिकों के अनुसार जिस क्षेत्र को अब दक्षिण अफ़्रीका के रूप में जाना जाता है वह मानव विकास के महत्वपूर्ण केंद्रों में से एक था। यह कम से कम 2.5 मिलियन वर्ष पूर्व ऑस्ट्रेलोपिथेसिन द्वारा बसाया था। आधुनिक ढँग की मानव बस्तियों का उद्भव लगभग 125,000 वर्ष पूर्व मध्य पाषाण युग में हुआ।[1] पहला मानव निवास दक्षिणी अफ्रीका के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में उत्पन्न होने वाले एक डीएनए समूह से जुड़ा हुआ है और अभी भी स्वदेशी खोइसन (खोई और सान) में प्रचलित है। दक्षिणी अफ्रीका में बाद में बंटू-भाषी लोगों ने बसना शुरू कर दिया, जो शुरुआती शताब्दियों के दौरान मध्य अफ्रीका के पश्चिमी क्षेत्र से चले आए थे।

सैन और खोइखोई

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मध्य पुरापाषाण काल ​​की आबादी के वंशजों को आदिवासी सैन और खोइखोई जनजातियाँ माना जाता है। इन्हें सामूहिक रूप से खोइसन के नाम से जाना जाता है, जो इन दो जनजातियों के नामों का एक आधुनिक यूरोपीय संयोजन है। सैन और खोइखोई को मुख्य रूप से उनके व्यवसायों से ही पहचाना जाता है। सैन शिकारी-संग्राहक थे और खोइखोई चरवाहे थे।[2]

  1. बर्ट, वूडहाउस (1996). द रॉक आर्ट ऑफ़ गोल्डन गेट एंड क्लेयरेंस डिस्ट्रिक्ट्स. जोहान्सबर्ग: वॉटरमैन. p. 34. ISBN 1 874959 31 5.
  2. "साउथ अफ़्रीका - हिस्ट्री". countrystudies.us. Retrieved 15 जनवरी 2025.

बाहरी कड़ियाँ

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