थानेश्वर महादेव सिद्ध पीठ

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थानेश्वर महादेव सिद्ध पीठ उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र के अति प्राचीनतम शिवालयों में से एक महत्वपूर्ण शिवालय है। यह मंदिर ग्राम थनूल,ब्लॉक कल्जीखाल,पट्टी मनियारस्यूं, जिला जिला पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड में स्थित है। समुद्रतल से लगभग ६००० फीट की ऊंचाई पर पर्वत श्रृखंलाओं के मध्य एक अत्यन्त रमणीक, शांत एवं पवित्र स्थान पर अवस्थित है। ५ किमी० फैले जंगल के मध्य में स्थित यह थानेश्वर धाम अध्यात्मिक चेतना, धर्मपरायणता व सहिष्णुता का आस्था केन्द्र है।[1]

इतिहास[संपादित करें]

इस सिद्धपीठ का इतिहास सदियों पुराना है। माना जाता हैं कि इस मंदिर की स्थापना स्वयं आदि आदि गुरु शंकराचार्यद्वारा की गयी थी। मन्दिर की बनावट गुप्तकालीन कला से मिलती जुलती है। मन्दिर समिति के धार्मिक एवं सांस्कृतिक सचिव के अनुसार इस स्थल व शिवालय का वर्णन पुराणों के केदारखण्ड में भी किया गया हैं। स्थानीय लूं के अनुसार मूल रूप से इस मंदिर की स्थापना थनगढ़ नदी के उत्तरी छोर पर स्थित महादेव सैंण नामक स्थान पर की गयीं थी जिसे कालांतर में नदी के दक्षिण छोर पर स्थित थनुल गांव की सीमा पर प्रतिस्थापित कर दिया गया और समय के साथ यह थानेश्वर महादेव के नाम से प्रसिद्ध हो गया। वैसे तो यहां वर्ष पर्यन्त नवदम्पति चतुदर्शी एवं सोमवार को जलाभिषेक कर मनन्त मांगने आते हैं पर बैकुंठ चतुर्दर्शी को प्रतिवर्ष मेला लगता हैं। उस दिन नि:सन्तान दम्पतियों द्वारा सन्तान प्राप्ति को लेकर रात भर दीप जलाकर शिव आराधना की जाती है। जिससे उन्हें सन्तान प्राप्त होती हैं। यहां पहुंचने के लिए बनेख से थनुल गांव तक सड़क मार्ग से उसके बाद मन्दिर तक एक किलोमीटर पैदल दूरी तय करनी पड़ती हैं। वही ब्यासचट्टी बादियूं-जखनोली-चौण्डली तक सड़क मार्ग से फिर एक किलोमीटर की मन्दिर तक की दूरी पैदल ही तय करनी पड़ती है।[1]

उत्सव[संपादित करें]

थानेश्वर महादेव सिद्ध पीठ मंदिर में मुख्यरूप से दो उत्सव होते हैं:

  1. शिवरात्रि
  2. बैकुन्ठ चतुर्दशी

वैसे तो दोनों अवसरों पर श्रद्धालु भक्तो की अपार भीड़ यहां दर्शनार्थ व पूजा अर्चना हेतु यहां आती है। परन्तु बैकुन्ठ चतुर्दशी के अवसर पर यहां इतनी भीड़ होती है कि वर्तमान में इसने एक विशाल मेले का रूप ले लिया है। थानेश्वर महादेव सिद्ध पीठ मंदिर की प्रसिद्धि इतनी है कि यहाँ दूसरे राज्यों से भी लोग आकर अपनी संतान प्राप्ति की मनोकामना पूरी करते है।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "थानेश्वर महादेव के आशीर्वाद से मिलता हैं सन्तान सुख". दैनिक जयन्त. मूल से 13 दिसंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 दिसम्बर 2017.

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  1. "थानेश्वर महादेव के आशीर्वाद से मिलता हैं सन्तान सुख" [थानेश्वर महादेव मेला]. thestatesman (अंग्रेज़ी में). मूल से 15 नवंबर 2017 को पुरालेखित.
  2. थानेश्वर महादेव में दो नवंबर को होगा बैकुंठ चतुर्दशी मेला
  3. थानेश्वर महादेव मंदिर में बैकुंठ चतुर्दशी मेला-२०१७