त्रायस्तिंश

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संत्रायतिंश लोक से बुद्ध का संकिशा में अवतरण। [1]

बौद्ध ब्रह्माण्ड विज्ञान में त्रायस्तिंश ( संस्कृत ; पालि तावतिंस ) देवों का एक महत्वपूर्ण लोक है। 'तायस्तिंश' एक विशेषण है जो 'त्रायतिंश' से बना है जिसका अर्थ तैंतीस (३३) है। अतः 'त्रायस्तिंश' का अर्थ है- "तैंतीस देवों का" । बौद्ध ब्रह्मांड विज्ञान में कामधातु के अन्तर्गत आने वाले छह लोकों में दूसरा लोक है। इस स्वर्ग के निवासी देवों को भी 'त्रायस्तिंश' कहा जाता है। शक्र त्रायस्तिंश के राजा हैं।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Marshall p.56

इन्हें भी देखें[संपादित करें]