तुलनात्मक पौराणिक कथायें
तुलनात्मक पौराणिक कथायें (comparative mythology) उस विषय को कहते हैं जिसमें विभिन्न संस्कृतियों की कल्पित कथाओं अथवा मिथकों की तुलना करके साझा मुद्दों और विशेषताओं की पहचान करने का प्रयास किया जाता है।[1] तुलनात्मक पौराणिक कथाओं से कई तरह के शैक्षिक उद्देश्यों की पूर्ति होती है जैसे विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के विकास का पता लगाना, मिथकों के विकास और उत्पत्ति का अध्ययन एवं मनोविश्लेषणात्मक सिद्धान्तों में विभिन्न कथाओं का उदाहारण देना आदि।
पौराणिक कथाओं के तुलनात्मक अध्ययन से से उन अंतरराष्ट्रीय उद्देश्यों की जानकारी भी प्राप्त होती है जो आध्यात्मिक समझ को वैश्विक स्तर पर एकीकृत करते हैं। इस अध्ययन से मानव इतिहास में कहानियों की व्यापक एवं सहानुभूतिपूर्ण समझ उत्पन्न करने के महत्त्व का भी आभाष होता है।[2] पौराणिक कथाओं में समानता मनुष्यों को इसकी याद दिलाती है कि मानवीय अनुभव की सभी जगह समरूपता रखता है।[2]
पृष्ठभूमि
[संपादित करें]मानवविज्ञानी कोविंगटन स्कॉट लिटलटन ने तुलनात्मक पौराणिक कथाओं को "विभिन्न संस्कृतियों से लिए गए मिथकों और पौराणिक विषयों की व्यवस्थित तुलना" के रूप में परिभाषित किया।[1] विद्वान विभिन्न संस्कृतियों की पौराणिक कथाओं की तुलना करके उनमें अंतर्निहित समानताओं की पहचान करते हैं और उन स्थितियों को समझने का प्रयास करते हैं जिससे वो पौराणिक कथायें विकसित हुई।[1] कुछ हद तक पौराणिक कथाओं के सभी सिद्धान्त तुलनात्मक दृष्टिकोण का पालन करते हैं—जैसा कि धार्मिक विद्वान रॉबर्ट सेगल ने लिखा है, "परिभाषा के अनुसार सभी सिद्धान्तकार मिथकों में समानतायें तलाशते हैं"।[3] हालांकि पौराणिक कथाओं के विद्वानों को मोटे तौर पर दो भागों में विभाजित कर सकते हैं: पहले वो जो मिथकों के मध्य अंतर पर जोर देते हैं उन्हें विशिष्टतावादी कहा जाता है और दूसरे वो जो समानताओं पर जोर देते हैं उन्हें तुलनात्मकतावादी कहा जाता है। विशेषतावादी सामान्यतः तुलनात्मकवादियों के द्वारा बतायी गई समानताओं को अस्पष्ट और सतही कहते हैं जबकि तुलनात्मकतावादी विशेषतावादियों के निकाले गये अंतर को तुच्छ और आकस्मिक कहते हैं।[4]
सन्दर्भ
[संपादित करें]स्रोत
[संपादित करें]- Littleton, C. The New Comparative Mythology: An Anthropological Assessment of the Theories of Georges Dumezil. बर्कले, यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया प्रेस, 1973.
- Segal, Robert A.
- Theorizing About Myth. मैसाचुसेट्स: यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचुसेट्स प्रेस, 1999.
- "The Romantic Appeal of Joseph Campbell". रिलिजन ऑनलाइन. 22 जून 2008 religion-online.org