तारा (देवी)
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तारा | |
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![]() देवी काली और तारा | |
संबंध | महाविद्या, दुर्गा, पार्वती, काली, महाकाली, कामाख्या, सती |
निवासस्थान | श्मशान |
मंत्र | ॐ ऐं हृं स्त्रीं तारायै हुं फट स्वाहा |
अस्त्र | खड्ग, कटार |
जीवनसाथी | तारकेश्वर |
हिन्दू धर्म में तारा दस महाविद्याओं में से द्वितीय महाविद्या हैं। 'तारा' का अर्थ है, 'तारने वाली' अर्थत् 'पार कराने वाली'। ये पार्वती की स्वरूप हैं। तारा देवी का सबसे प्रसिद्ध मन्दिर और शम्शान तारापीठ में है। इनके तीन सर्वाधिक प्रसिद्ध रूप हैं- एकजता, उग्रतारा और नीलसरस्वती।
तारा मंत्र[संपादित करें]
- ॐ तारायै विद्महै
- महोग्रायै धीमहि
- तन्नो देवी प्रचोदयात्