तारक सिन्हा

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तारक सिन्हा
जन्म 1949/1950 (74–75 आयु)[1]
आवास गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत[2]
उपनाम उस्तादजी[3]
उल्लेखनीय कार्य {{{notable_works}}}

तारक सिन्हा एक भारतीय क्रिकेट कोच थे, जो दिल्ली में सोनेट क्रिकेट क्लब चलाते थे। उनके द्वारा प्रशिक्षित खिलाड़ियों में से 12 क्रिकेटर भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट, और 100 से अधिक क्रिकेटर प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेल चुके हैं।[1][4]

करियर[संपादित करें]

सोनेट क्रिकेट क्लब[संपादित करें]

सिन्हा ने सीके नायडू ट्रॉफी के लिए दिल्ली की जूनियर टीम से चयन होने में नाकाम रहने के बाद 1969 में सोनेट क्रिकेट क्लब की स्थापना की। क्लब कमला नगर में बिड़ला स्कूल के मैदानों में शुरू किया गया था, जहां उन्होंने अध्ययन किया और विकेटकीपर के रूप में क्रिकेट खेला। उन्होंने उसी समय पीजीडीएवी कॉलेज में एक क्लर्क के रूप में कार्य भी किया। 20 विषम प्रशिक्षुओं और न्यूनतम सुविधाओं के प्रारंभिक दल के साथ, क्लब को दिल्ली और जिला क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) से मान्यता नहीं मिली। क्लब को करोल बाग के अजमल खान उद्यान में स्थानांतरित किया गया ताकि शहर के अन्य हिस्सों के क्रिकेटरों को भी प्रशिक्षित किया जा सके। प्रमुख टूर्नामेंटों में कई प्रमुख क्लबों के खिलाफ़ जीत के बाद, क्लब को 1971 में डीडीसीए से संबद्धता मिली और उसे डी डिवीजन से ए डिवीजन में पदोन्नत किया गया।[5] क्लब फिर से राजधानी कॉलेज में स्थानांतरित किया गया जहां इसे बेहतर सुविधाएं मिलीं।[6]

क्लब पिछले कुछ वर्षों में सभी प्रमुख ट्रॉफियाँ जीतने में कामयाब रहा है। इसने अपने आप को सरकार द्वारा संचालित तथा बहुत सी बेहतर सुविधाओं से परिपूर्ण नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट (एनआईएस) के एक प्रबल प्रतिद्वंदी के रूप में भी स्थापित किया है।[5] अतुल वासन के मुताबिक, "एनआईएस ने समृद्ध बच्चों को क्रिकेटर बनाया है जबकि सोनेट ने मुख्य रूप से मध्यम और निम्न मध्यम वर्ग के लड़कों को प्रोत्साहित किया है।"[7] 2000 के दशक की शुरूआत में यह क्लब दिल्ली विश्वविद्यालय के दक्षिण परिसर में श्री वेंकटेश्वर कॉलेज में स्थानांतरित हो गया गया, जो अब तक के लिये इसका आधार बना हुआ है।[3] क्लब से प्रशिक्षित कई क्रिकेटरों ने भी सिन्हा को क्लब चलाने में मदद की है।[8]

उल्लेखनीय पूर्व प्रशिक्षित क्रिकेटर[संपादित करें]

क्लब में सिन्हा के तहत प्रशिक्षित अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर:

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कार्य[संपादित करें]

भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड ने सिन्हा को दिल्ली का कोच नियुक्त किया था, और उसके तहत टीम ने 1985-86 सत्र में अपना चौथा रणजी खिताब जीता था।[3] 2001-02 में उन्हें राष्ट्रीय महिला टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया गया था, जब मिताली राज और झूलन गोस्वामी अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेल रही थीं।[10] उनके कार्यकाल के दौरान टीम दक्षिण अफ्रीका में अपनी पहली विदेशी टेस्ट शृंखला जीतने में, और इंग्लैंड को 4-0 से हराने में कामयाब रही थी। 2002 में उन्हें दिल्ली जूनियर टीमों को प्रशिक्षित करने के लिए नियुक्त किया गया; जिसके बाद राज्य ने अंडर-15, अंडर-19 और अंडर-22 आयु समूहों में कई टूर्नामेंट जीते।[6]

राजस्थान क्रिकेट संघ (आरसीए) ने 2010 में सिन्हा को अपने अकादमियों के निदेशक मंडल में सेवा देने के लिये आग्रह किया। वह प्लेट डिवीजन से राजस्थान की 2010-11 के सत्र में अपने पहले रणजी ट्रॉफी खिताब में जीत की यात्रा का हिस्सा रहे। आरसीए से बाहर निकलने के बाद, उन्हें एक अन्य प्लेट डिवीजन टीम झारखंड के कोच के रूप में नियुक्त किया गया, जिसे वह 2012-13 के सीज़न में पहली बार रणजी नॉकआउट चरण तक ले गये।[3]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. विवेक, जी एस (18 जनवरी 2013). "4 Generations 12 International Cricketers 1 Coach" [4 पीढियां 12 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर 1 कोच]. इंडिया टुडे. मूल से 10 सितंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 नवम्बर 2017.
  2. शर्मा, दीप (25 अप्रैल 2017). "Rishabh Pant, the 'left-handed Virender Sehwag', is no longer playing cricket just for fun" ['बाएं हाथ के वीरेंद्र सहवाग' ऋषभ पंत, अब सिर्फ मज़े के लिए ही क्रिकेट नहीं खेल रहे हैं]. द क्विंट. अभिगमन तिथि 4 नवम्बर 2017.
  3. उग्र, शारदा (14 मार्च 2014). "Tarak Sinha's 40-year labour of love" [तारक सिन्हा का 40 वर्षों का प्यार भरा श्रम]. ईएसपीएन क्रिकइंफो. मूल से 7 नवंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 नवम्बर 2017.
  4. "इन्होंने धवन-नेहरा को बनाया स्टार, खुद पैसों के लिए कर रहे क्लर्क की जॉब". दैनिक भास्कर. मूल से 10 फ़रवरी 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 10 अगस्त 2017.
  5. एस, संथानम. "One-man poem" [एक व्यक्ति की कविता]. ईएसपीएन क्रिकइंफो. मूल से 7 नवंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 नवम्बर 2017.
  6. किशोर, शशांक (3 नवम्बर 2014). "The shaping of Sinha's Sonnet dream" [सिन्हा के सोनेट सपने की गढ़ाई]. विसडेन इंडिया. मूल से 7 नवंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 नवम्बर 2017.
  7. लोकपल्ली, विजय (7 अगस्त 2013). "Of poetry on pitch" [पिच पर कविता का]. द हिन्दू. मूल से 11 अक्तूबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 नवम्बर 2017.
  8. पी के, अजित कुमार (26 जनवरी 2013). "Unsung hero" [अकीर्तित नायक]. स्पोर्टस्टार. अभिगमन तिथि 4 नवम्बर 2017.[मृत कड़ियाँ]
  9. बसु, अरणि (16 नवम्बर 2016). "Tarak Sinha is not a father figure... he is my father, says Rishabh Pant" [तारक सिन्हा मेरे पिता समान नहीं हैं ... वह मेरे पिता हैं, ऋषभ पंत ने कहा।]. द टाइम्स ऑफ इंडिया. मूल से 9 सितंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 4 नवम्बर 2017.
  10. लोकप्पली, विजय (24 जुलाई 2017). "Sinha, Sharma welcome financial windfall" [सिन्हा, शर्मा ने वित्तीय गिरावट का स्वागत किया]. स्पोर्टस्टार. अभिगमन तिथि 4 नवम्बर 2017.