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तहकीकात (फ़िल्म)

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तहकीकात

तहकीकात का पोस्टर
निर्देशक ए. जगन्नाथन
लेखक पुष्पा राजन
निर्माता के॰ सी॰ बोकाड़िया
अभिनेता जितेन्द्र,
संगीता बिजलानी,
डैनी डेन्जोंगपा,
आदित्य पंचोली,
रॉनित रॉय,
फरहीन
संगीतकार अनु मलिक
प्रदर्शन तिथियाँ
3 दिसंबर, 1993
देश भारत
भाषा हिन्दी

तहकीकात 1993 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसे के॰ सी॰ बोकाड़िया ने निर्मित किया और इसका तमिल निर्देशक ए. जगन्नाथन ने निर्देशन किया है। इसमें जितेन्द्र ने दोहरी भूमिका निभाई है। यह फ़िल्म फ्लॉप रही थी।[1]

साथ ही इसमें आदित्य पंचोली, संगीता बिजलानी, रोनित रॉय, फरहीन भी हैं। संगीत अनु मलिक ने दिया था। यह फ़िल्म मलयालम फ़िल्म पोस्ट मॉर्टम (1982) की रीमेक है। यह ए. जगन्नाथन द्वारा निर्देशित एकमात्र हिन्दी फ़िल्म है।

संक्षेप

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फिल्म की शुरुआत एक ऐसे शहर से होती है जहाँ कैथोलिक पादरी फादर प्रेम फर्नांडिस (जितेन्द्र) को लोग बहुत प्यार करते हैं। पीटर (आदित्य पंचोली) न्याय की तलाश करने वाला एक आवारा लड़का है। वह गरीबों के खिलाफ़ होने वाले उल्लंघनों का विरोध करता है और फादर उसकी इस बारे में मदद के प्रयास करते हैं। पीटर का करोड़पति और शहर के मुखिया भानु प्रताप (डैनी डेन्जोंगपा) के साथ विवाद होता है। पीटर की बहन मैरी भानु प्रताप के बेटे रमेश (रॉनित रॉय) से प्यार करती है। रमेश विदेश चला जाता है। मैरी को पता चलता है कि वह गर्भवती है और वह फादर को अपनी इस गलती के बारे में बताती है। वह समाधान खोजने का वादा करते हैं। बातचीत को सुनकर, पीटर की प्रेमिका रूपा (संगीता बिजलानी) उनके रिश्ते को गलत समझती है और पीटर को इस बारे में बताती है। पीटर फादर के खिलाफ़ विद्रोह करता है और उसे गिरफ्तार कर लिया जाता है। लेकिन वह भागने में सफल हो जाता है।

अगले दिन, लोग मैरी (फरहीन) के शव को पेड़ से लटकता हुआ देखकर दंग रह जाते हैं। वे शव को बिना पोस्टमार्टम के दफना देते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि यह आत्महत्या है। हालाँकि, फादर को संदेह होता है कि कुछ गड़बड़ है और वह अपने जुड़वां भाई एसपी अरुण कुमार से शव को पोस्टमार्टम के लिए बाहर निकलवाने के लिए कहते हैं। अरुण को ताबूत में फादर की लाश मिलती है और वह जांच शुरू करता है। पीटर पर शक गहरा जाता है। पीटर को मैरी की दोस्त मुमताज के ज़रिए पता चलता है कि फादर निर्दोष हैं और वह पश्चाताप करता है। अरुण असली पीड़ित को उजागर करने के लिए फादर के भूत की आड़ में शहरवासियों को डराता है। एक दिन पीटर रमेश को देखता है। जिसे हथकड़ी लगी हुई होती है। रमेश बताता है कि मैरी की हत्या कर दी गई है। यह पता चलता है कि भानु प्रताप ने मैरी को मार डाला था। क्योंकि वह नहीं चाहता था कि उसका बेटा उससे शादी करे। पोस्टमॉर्टम के डर से, उसने शव को ठिकाने लगाने की कोशिश की। जब फादर ने यह देखा, तो उसकी हत्या कर दी गई।

मुख्य कलाकार

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सभी अनु मलिक द्वारा संगीतबद्ध।

क्र॰शीर्षकगीतकारगायकअवधि
1."डूब गये मेरे नैन"फैज़ अनवरविनोद राठौड़, आशा भोंसले5:37
2."दिल को बेवजह धड़कने"फैज़ अनवरअभिजीत, अलका यागनिक7:50
3."अनाड़ी बलमा"कविता कृष्णमूर्ति6:46
4."तू किसी और से मिलने" (महिला)ज़मीर काज़मीकविता कृष्णमूर्ति5:55
5."तू किसी और से मिलने" (पुरुष)ज़मीर काज़मीविनोद राठौड़1:02
6."ना तुम इतनी हसीन होती"गुलशन बावराविनोद राठौड़, साधना सरगम6:30

सन्दर्भ

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  1. "Tahqiqaat - Movie - Box Office India". www.boxofficeindia.com. Retrieved 11 मार्च 2025.

बाहरी कड़ियाँ

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