तमिल-ब्राह्मी
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तमिल-ब्राह्मी | |
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![]() दक्षिण चित्र, चेन्नै में मंगलम तमिल-ब्राह्मी लेख | |
प्रकार | आबूगीदा |
बोली जाने वाली भाषाएं | तमिऴ भाषा |
काल | ६ वीं शताब्दी ईसापूर्व से ६ वीं शताब्दी ई |
मूल प्रणालियां |
आदि-सीनाई लिपि?[क]
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संतति प्रणालियां | वट्टॆऴुत्तु, पल्लव |
बंधु प्रणालियां | भट्टिप्रोलु लिपि |
[क] ब्राह्मी लिपियों का सॅमॅटिक से मूल, सार्वभौमिक रूप से सहमत नहीं है। | |
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तमिल-ब्राह्मी या तमिऴि (तमिऴ में : தமிழ் பிராமி तमिऴ ब्रामि) , ब्राह्मी लिपि का एक परिवर्तित रूप है जो तमिऴ भाषा के लेखन के लिए प्रयुक्त होता था। तमिऴ भाषा के प्राचीनतम लेख इसी लिपि में मिलते हैं। यह लिपि चेर राजवंश तथा पाण्ड्य राजवंश के काल में सुप्रतिष्ठित हो गयी थी। इन राजवंशों का शासन उन क्षेत्रों में था जो वर्तमान समय में तमिऴ नाडु, आन्ध्र प्रदेश, केरल, और श्री लंका कहलाते हैं।[1]
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ Richard Salomon (1998) Indian Epigraphy: A Guide to the Study of Inscriptions in Sanskrit, Prakrit, and the other Indo-Aryan Languages