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डोली सजा के रखना

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डोली सजा के रखना

डोली सजा के रखना का पोस्टर
निर्देशक प्रियदर्शन
लेखक नीरज वोरा
कहानी फज़ील
निर्माता ज़ेवियर मार्कस
अभिनेता अक्षय खन्ना,
ज्योतिका,
अनुपम खेर,
अमरीश पुरी,
परेश रावल,
तेज सप्रू,
मोहनीश बहल
संगीतकार ए॰ आर॰ रहमान
प्रदर्शन तिथियाँ
27 नवंबर, 1998
देश भारत
भाषा हिन्दी

डोली सजा के रखना 1998 में बनी हिन्दी भाषा की प्रेमकहानी फ़िल्म है। इसका निर्देशन प्रियदर्शन ने किया और मुख्य भूमिकाओं में अक्षय खन्ना और ज्योतिका हैं। इसकी कहानी एक मलयालम फिल्म से ली गई है। संगीत ए॰ आर॰ रहमान का है और ये ज्योतिका की पहली फ़िल्म है।[1]

संक्षेप

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इंद्रजीत "इंदर" बंसल (अक्षय खन्ना) एक अमीर लड़का है, जो अपने माता (मौसमी चटर्जी) और पिता (अनुपम खेर) के साथ रहता है। एक दिन वो अपने दोस्तों के साथ एमबीए करने दूसरे शहर जाता है, वहाँ उसकी मुलाक़ात पल्लवी सिन्हा (ज्योतिका) से होती है। वह उसको पसंद करने लगता है। वह इस बात को दोस्तों को बताता है और वह सभी पल्लवी को रिझाने में उसकी सहायता करते हैं। इससे पल्लवी के भाई इंस्पेक्टर पृथ्वी (तेज सप्रू) के साथ उनका टकराव होता है, जो उन्हें गिरफ्तार करके थाने में कैद रखता है। वह उन्हें पीटता भी है; इसके बाद उसका दूसरा भाई विक्रम (मोहनीश बहल) भी उन्हें पीटता है; और जब वे अपने घावों का इलाज करने के लिए जाते हैं तो वे पल्लवी के तीसरे भाई डॉ. सूरज (परेश रावल) से मिलते हैं, जो उन्हें और नुकसान पहुँचाता है।

वे इस अपमान का बदला लेने का फैसला करते हैं और इसमें कुछ हद तक सफल भी रहते हैं, लेकिन पल्लवी उन्हें रुकने के लिए कहती है। उसके भाई यह देखकर चौक जाते हैं कि पल्लवी वास्तव में इंद्रजीत से प्यार करती है। वह पल्लवी को उससे मिलने या बात करने के लिये मना कर देते हैं। इस प्रकार दोनों प्रेमी दूर भागने के लिये प्रेरित हो जाते हैं। उनका पुलिस बल और क्रोध में भाइयों द्वारा पीछा किया जाता है। वे एक मछुआरों की बस्ती में पहुँचते हैं और जोजो पिंटो (अमरीश पुरी) से मिलते हैं, जो इंद्रजीत के दोस्तों में से एक के पिता हैं। वह उन्हें भाइयों से बचाते हैं और उनका कानूनी रूप से विवाह भी कराते हैं। लेकिन आखिरी पल में, दोनों अभिभूत हो जाते हैं और अपने दोस्तों के सदमे के बावजूद अपने-अपने घर लौटने का फैसला करते हैं। वह अपने परिवार के चुने गए व्यक्ति से शादी करने के लिए सहमत भी हो जाते हैं। लेकिन फिल्म के अंत में परिवार वाले उन दोनों की शादी के लिए मान जाते हैं और उसी के साथ कहानी समाप्त हो जाती है।

मुख्य कलाकार

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सभी गीत महबूब द्वारा लिखित; सारा संगीत ए॰ आर॰ रहमान द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायकअवधि
1."किस्सा हम लिखेंगे"अनुराधा पौडवाल, एम॰ जी॰ श्रीकुमार4:56
2."बोल सजनी मोरी सजनी"सोनू निगम, कविता कृष्णमूर्ति6:30
3."तारम पम तारम पम"बाबुल सुप्रियो, श्रीनिवास4:33
4."चल खेवा रे खेवा"सुखविंदर सिंह, रेणु मुखर्जी5:33
5."झूला बाहों का आज भी"साधना सरगम, श्रीनिवास5:58
6."झूला बाहों का आज भी" (II)साधना सरगम6:00
7."तारम पम तारम पम" (वाद्य)N/A4:35
8."बोल सजनी मोरी सजनी" (वाद्य)N/A6:25

सन्दर्भ

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  1. "हिंदी में फ्लॉप, साउथ में हिट". द लखनऊ ट्रिब्यून. 16 दिसम्बर 2018. मूल से 19 जनवरी 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 दिसम्बर 2018.

बाहरी कड़ियाँ

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