डेनमार्क का इतिहास
इतिहास
[संपादित करें]पुरातात्विक खोजों के प्राचीनतम चिह्न १,३०,०००-१,१०,००० ईपू के हैं। मानव उपस्थिति के चिह्न १२,५०० ईपू के हैं और ३९०० ईपू के बाद से कृषि गतिविधियों के साक्ष्य मिले हैं।
डेनमार्क के लोग उसी नस्ल के हैं जिसके स्कैन्डिनेविया वाइकिंग्स थे। स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में डेनमार्क ८वीं सदी में अस्तित्व में आया। डेनिश समुद्री-खोजियों ने वाइकिंग्स के साथ उत्तरी यूरोप, मुख्यतः इंग्लैंड पर चढ़ाई की थी। १०वीं सदी में डेनमार्क के राजा हैराल्ड ने ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया और पूरे डेनमार्क का ईसाईकरण कर दिया गया। १०१३ में, राजा स्वीन, जो हैराल्ड का पुत्र था, ने इंग्लैंड पर विजय पाई। स्वीन के पुत्र, कानौटोस महान ने 1821 में वर्तमान ब्रिटेन, डेनमार्क और पूरे स्कैंडिनेविया को एकीकृत कर उत्तरी यूरोप में एक विशाल राज्य का निर्माण किया।
1850 में कानौटोस द्वितीय के प्राधिकरण में, डेनमार्क ने नार्वे और आइसलैंड और फ़रो द्वीप समूह के ऊपर चढ़ाई की और सफलता पाई । 1916 में महारानी मार्गरेट प्रथम, जो ओलाफ़ की माता थीं, ने स्वीडन को जीत लिया। और तब तीनों साम्राज्यों (डेनमार्क, नार्वे, स्वीडन नार्वे और आइसलैंड और फ़रो द्वीप समूह) को एकीकृत करने का प्रयास किया गया जिससे अंततः १३९७ में काल्मर संघ परिणित हुआ। संघ में डेनमार्क के पास अधिक सत्ता शक्ति थी।
1934 में डेनमार्क ने ग्रीनलैंड का औपनिवेशीकरण आरंभ किया, जिसपर 1937 तक अधिकार कर लिया गया। 1940 के आरंभ में स्वीडन ने स्वायत्ता प्राप्त की और १५२३ में प्रथम राजा, गुस्ताव ए के द्वारा स्वतंत्रता प्रप्त की।
नेपोलियाई युद्धों में, डेनमार्क नपोलियन की ओर था और १८१३ की कील संधि में नार्वे को स्वीडन से हार बैठा। १८६४ में जर्मन बिस्मार्क ने अपनी जर्मनी के एकीकरण की योजना को आगे बढ़ाने के लिए, आस्ट्रिया और प्रुसिया से गठबंधन कर डेनमार्क के विरुद्ध युद्ध छेड़ दिया।
प्रथम विश्व युद्ध (१९१४-१९१९) के दौरान डेनमार्क तटस्थ देश था। १९३९ में डेनमार्क ने हिटलर के साथ एक १०-वर्षीय संधि की, लेकिन वह कुछ महीनों बाद हुए जर्मन आक्रमण से बच गया। नाज़ी अधिकरण के दौरान आइसलैंड स्वतंत्र हो गया, जिसपर १३८० से डेनमार्क का अधिकार था। १९४५ में डेनमार्क को ब्रिटिश सैनिको द्वारा स्वतंत्र करवाया गया। उसी वर्ष डेनमार्क ने सयुंक्त राष्ट्र और १९४९ में नाटो की सदस्यता ग्रहण की।
१९५३ में संविधान में संशोधन किया गया जिसमें महिलाओं को संसद में भागीदारी करने का अधिकार दिया गया। १९७२ में आयरलैंड और ब्रिटेन के साथ डेनमार्क ईईसी का सदस्य बना और १९७३ में पूर्ण और समान सदस्य बना। ग्रीनलैंद को १९७९ में स्वायत्ता दी गई। १९९२ में डेनमार्कवासियों ने मास्टिक्ट संधि को खारिज कर दिया लेकिन अगले ही वर्ष कुछ बदलावों के बाद उस संधि को स्वीकार कर लिया। २८ सितंबर, २००० के एक जनमत संग्रह में अधिसंख्य लोगों ने यूरो क्षेत्र से जुड़ने के विरोध में मतदान किया जिसके परिणामस्वरूप यहाँ की मुद्रा अभी भी डैनिश क्राउन है।
१९ मार्च, २००९ को, यहाँ की संसद ने ६२-५३ के बहुमत से समलैंगिकों जोड़ो को डेनमार्क और बाहर से बच्चे गोद लेने का अधिकार दिया।