डाकू संग्राम सिंह

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संग्राम सिंह ( कुंवर सागर सिंह)का जन्म निवाड़ी के नजदीक रावली गांव में हुया था इनके पूर्वजो की रियाशत अंग्रजो ने छीन ली थी जिससे यह अंग्रजो को लूटते थे 1857 की क्रांति में इहोने अंग्रेजो के खिलाफ विद्रोह कर दिया जिसे इतिहासकारो ने बुन्देला विद्रोह में शामिल किया जब रानी झाँसी ने को पता चला कि संग्राम सिंह झाँसी में के पास बरुआसागर में ठहरे है तो वह उनसे मिलने गयी कुंवर संग्राम सिंह अपनी पूरी गिरोह समेत रानी झाँसी की सेना में शामिल हो गए थे रानी ने उन्हें जनरल का पद दिया वह अंग्रेजो से लोहा लेते हुए खंडेराव गेट पर शहीद हुए थे