ट्रैफिक लाइट

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ट्रैफिक लाइट -   यातायात सिग्नल , यातायात लैंप, यातायात सिकंदरा, सिग्नल लाइट,  और रोकने वाले लाइट्स के रूप में भी जाने जाते है,[1] और तकनिकी रूप से ट्रैफिक नियंत्रण सिग्नल्स में जाने जाते है[2] ये संकेत देने वाले उपकरण है जोकि सड़क चौराहों, पैदल यात्री क्रॉसिंगों और दूसरी जगह तैनात रहते है जो यातायात के भीड़ को नियंत्रण में रखते है।सबसे पहला गैस से जलने वाला हस्तचालित ट्रैफिक लाइट लंदन में 1868 में स्थापित किया गया था, हालांकि ये विस्फोट के कारण अधिक दिनो तक नही रहे। पहला सुरक्षित, स्वत: बिजली ट्रैफिक लाइट संयुक्त राज्य अमेरिका में देर से 1890 मे स्थापित किए गए थे। [3]

ट्रैफिक लाइट एक सार्वभौमिक रंग कोड एक स्तर रंग (लाल, पीले और हरे रंग) की रोशनी में प्रदर्शित करके सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए निचे दिये गये रास्ते से सही विकल्पि देते। रंग चरणों की विशिष्ट अनुक्रम में:

  • यातायात दिशा में हरे रंग का प्रकाश, चिह्नित आगे बढ़ने के लिए अनुमति देता है।
  • ब्रिटेन जैसे देशो मे पीला (या एम्बर) प्रकाश यह चेतावनी देत है कि सिगनल हरे रंग से लाल मे बदल जयेगा। [4]
  • चमकता हुआ पीला प्रकाश एक चेतवनी का संकेत है।
  • लाल सिग्नल यातायात पर प्रतिबंध लगने का संकेत देता है।
  • एक चमकता हुआ लाल प्रकाश रुकने का संकेत देता है।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. The meaning of traffic lights/red green and amber robots – South Africa Archived 2014-03-01 at the Wayback Machine.
  2. "Sites" (PDF). मूल (PDF) से 5 सितंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 अगस्त 2015.
  3. Anticiperende netwerkregelingen Archived 2015-09-23 at the Wayback Machine.
  4. "Traffic Lights Sequence". drivingtesttips.biz. मूल से 17 अगस्त 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 अगस्त 2015.