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टौन्गू राजवंश

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तौंगू साम्राज्य

1510–1752
Statusसाम्राज्य
राजधानीपगान, पेगू
प्रचलित भाषा(एँ)बर्मी
धर्म
थेरवाद बौद्ध धर्म
सरकारराजतंत्र
राजा 
ऐतिहासिक युगमध्यकालीन
• तौंगू साम्राज्य की स्थापना
1510
• 
1599 (पहले साम्राज्य का पतन)
• 
1752 (पुनर्स्थापित साम्राज्य का अंत)
• साम्राज्य का पतन
1752
क्षेत्रफल
• कुल
1,220,000 कि॰मी2 (470,000 वर्ग मील)
मुद्राप्राचीन बर्मी मुद्रा
अब जिस देश का हिस्सा है म्यांमार

तौंगू साम्राज्य का उद्भव 16वीं शताब्दी के मध्य में म्यांमार में हुआ था। यह साम्राज्य बर्मा का सबसे बड़ा राजनीतिक संगठन बना और पूरे दक्षिण-पूर्व एशिया में इसे इतिहास के सबसे शक्तिशाली राज्यों में गिना जाता है। अपनी सैन्य रणनीति, व्यापारिक समृद्धि और धार्मिक प्रवर्तनों के जरिए, तौंगू साम्राज्य ने क्षेत्रीय राजनीति को दशकों तक प्रभावित किया।

पहला तौंगू साम्राज्य (1510–1599)

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पहला तौंगू साम्राज्य 1510 में मध्य बर्मा में स्थापित हुआ। इसके संस्थापक राजा मिंघीन्यो थे, लेकिन इसका विस्तार और शक्ति राजा तबिनश्वेती और उनके उत्तराधिकारी बयिननांग के शासनकाल में चरम पर पहुंची।[1]

बयिननांग ने साम्राज्य के विस्तार के लिए आधुनिक हथियारों और विदेशी सिपाहियों का सहारा लिया। भारतीय और पुर्तगाली व्यापारियों से सहायता प्राप्त कर उन्होंने बर्मा के आस-पास के क्षेत्रों पर विजय प्राप्त की। बयिननांग ने सियाम (आधुनिक थाईलैंड) और लाओस के क्षेत्रों को भी अधीन कर साम्राज्य की सीमाओं का विस्तार किया।[2]

हालांकि, यह साम्राज्य लंबे समय तक स्थिर नहीं रह पाया। उत्तराधिकारियों की कमजोर शासन क्षमता और केंद्रीकरण की कमी के कारण 1599 में यह साम्राज्य विभाजित हो गया। तौंगू के बाहरी शासक स्वतंत्र हो गए और राजधानी पगान पर कई आक्रमण किए गए।[2]

पुनर्स्थापित तौंगू साम्राज्य (1597–1752)

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1597 में, पहले तौंगू साम्राज्य की पतन के बाद, इसका पुनरुद्धार किया गया। अणौखपेटलुन के शासनकाल में साम्राज्य को फिर से संगठित किया गया। उन्होंने बर्मा के उत्तरी क्षेत्रों को सुदृढ़ कर विदेशी शासकों, विशेष रूप से अराकान और पुर्तगालियों, को हराया।[3]

1613 में पुर्तगाली शासक फिलिप डि ब्रिटो को हराकर उन्हें मृत्युदंड दिया गया। इस विजय ने पुनर्स्थापित तौंगू साम्राज्य को कुछ स्थिरता प्रदान की। प्रशासनिक सुधारों के अंतर्गत सत्ता को अधिक केंद्रीकृत किया गया, जिसमें राजकीय क्षेत्रों के स्थानीय शासकों की स्वायत्तता को कम किया गया।[4]

हालांकि, व्यापार में गिरावट और बाहरी आक्रमणों, विशेषकर मणिपुरी सेनाओं के आक्रमणों ने साम्राज्य की स्थिरता को बाधित किया। अंततः 1752 में पुनर्स्थापित तौंगू साम्राज्य भी समाप्त हो गया।[4]

प्रशासन और अर्थव्यवस्था

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तौंगू साम्राज्य का मुख्य आधार गीली धान की खेती थी, जिसके लिए विस्तृत सिंचाई प्रणाली का निर्माण किया गया। युद्ध से प्राप्त दास-श्रमिक इस व्यवस्था का मुख्य हिस्सा थे। राजा को बौद्ध धर्म के संरक्षक के रूप में देखा जाता था। राज्य का धर्म, थेरवाद बौद्ध धर्म, समाज को धार्मिक और नैतिक व्यवस्था प्रदान करता था।[5]

समर्पण (दान) के माध्यम से धर्म को सहयोग प्रदान करना राजा और स्थानीय शासकों की प्रतिष्ठा का प्रमुख साधन बन गया था। हालाँकि, इन कर-रहित दानों के कारण राजस्व का नुकसान हुआ, जो प्रशासन को कमजोर बना सकता था।[3]

सांस्कृतिक और धार्मिक प्रभाव

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तौंगू साम्राज्य की सबसे महत्वपूर्ण धरोहर उसका बौद्ध धर्म का संरक्षण है। शिक्षा और साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए मंदिर और मठ केंद्र के रूप में कार्यरत रहे। इस दौर में धार्मिक ग्रंथों और शास्त्रों का पुनर्लेखन और प्रसार हुआ।[4]

तौंगू साम्राज्य की गिरावट

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अत्यधिक सैन्य अभियानों और राजनैतिक अस्थिरता के कारण, 1599 में पहला तौंगू साम्राज्य और 1752 में पुनर्स्थापित तौंगू साम्राज्य समाप्त हो गया। बाहरी आक्रमणों, आर्थिक संकटों और आंतरिक विद्रोहों ने साम्राज्य को कमजोर कर दिया। इसके पश्चात् बर्मा पर कोनबाउंग वंश का उदय हुआ।[1]

निष्कर्ष

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तौंगू साम्राज्य ने बर्मा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ा। इसके राजनीतिक, धार्मिक और सांस्कृतिक प्रभाव आज भी म्यांमार की सामाजिक संरचना में देखे जा सकते हैं। यह साम्राज्य उस समय की जटिल दक्षिण-पूर्व एशियाई राजनीति का केंद्र था और अपने पतन के बावजूद इतिहास में अपना विशेष स्थान रखता है।[2]

  1. Smith, Robert (2017-11-27). The Rise and Fall of the Toungoo Empire (अंग्रेज़ी में). CreateSpace Independent Publishing Platform. पपृ॰ 72–98. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-9811-2364-3.
  2. Hall, D. G. E. (1981), Hall, D. G. E. (संपा॰), "Burma Under the Restored Toungoo Dynasty, 1600–1752", A History of South-East Asia (अंग्रेज़ी में), Macmillan Education UK, पपृ॰ 398–410, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-349-16521-6, डीओआइ:10.1007/978-1-349-16521-6_21, अभिगमन तिथि 2025-01-25
  3. "Toungoo Dynasty | Family History & Legacy | Britannica". www.britannica.com (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2025-01-25.
  4. Charney, Michael W. (2016), "Burmese Empire", The Encyclopedia of Empire (अंग्रेज़ी में), John Wiley & Sons, Ltd, पपृ॰ 1–6, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-118-45507-4, डीओआइ:10.1002/9781118455074.wbeoe253, अभिगमन तिथि 2025-01-25
  5. "Toungoo | Burma, Monarchy, Capital | Britannica". www.britannica.com (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2025-01-25.