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टैक्सी

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टैक्सी

टैक्सी एक ऐसा वाहन है जिसे किराए पर लिया जाता है और जिसमें एक चालक होता है। इसे एक यात्री या यात्रियों के छोटे समूह द्वारा उपयोग किया जाता है। यह आमतौर पर गैर-साझा सवारी के लिए होता है। इसके अन्य प्रचलित नाम टैक्सीकैब या केवल कैब है। टैक्सी अपने यात्रियों को उनके मनचाहे स्थानों पर पहुँचाती है। यह सार्वजनिक परिवहन से अलग होती है क्योंकि सार्वजनिक परिवहन में सवारी लेने और उतारने के स्थान सेवा प्रदाता द्वारा तय किए जाते हैं जबकि टैक्सी में ये स्थान यात्री द्वारा चुने जाते हैं। हालांकि कुछ स्थानों पर मांग-उत्तरदायी परिवहन और साझा टैक्सी जैसी सेवाएं मौजूद हैं, जो टैक्सी और बस के बीच का मिश्रण होती हैं।

वाहनों के प्रकार, किराए के नियम, और भुगतान के तरीके देशों के बीच भिन्न हो सकते हैं, लेकिन फिर भी टैक्सी सेवाओं में कुछ सामान्य विशेषताएँ पाई जाती हैं।

हैकनी कैरिज

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17वीं शताब्दी की शुरुआत में पेरिस और लंदन में घोड़े से खींची जाने वाली हैकनी गाड़ी की सेवाएं शुरू हुईं। सन् 1605 में लंदन में पहली सार्वजनिक हैकनी कोच सेवा शुरू हुई[1] और सन् 1636 में मेपोल इन के बाहर पहली टैक्सी रैंक (खड़ी करने का स्थान) स्थापित हुई।[2] सन् 1635 में हैकनी कैरिज एक्ट पारित कर घोड़े से खींची जाने वाली गाड़ियों को किराए पर लेने की वैधता दी गई। सन् 1637 में पेरिस में निकोलस सॉवेज ने फिएकरे नामक सेवाएं शुरू की, जो बाद में फ्रांस और जर्मनी में प्रचलित हुईं।

हैंसम कैब को सन् 1834 में यॉर्क के वास्तुकार जोसेफ हैंसोम ने डिजाइन और पेटेंट कराया, जो पुराने हैकनी कैरिज में एक महत्वपूर्ण सुधार था। ये दो-पहिया वाहन हल्के और तेज़ थे जिससे यात्रा सस्ती और तेजी से चलने वाली होती थी। जल्द ही इन गाड़ियों ने हैकनी कैरिज की जगह ले ली और ये ब्रिटेन, यूरोप और अमेरिका के कई शहरों में फैल गईं। सन् 1837 में टोरंटो में पहली कैब सेवा "द सिटी" थॉर्नटन ब्लैकबर्न द्वारा स्थापित की गई, जो एक पूर्व गुलाम थे।

आधुनिक टैक्सीकैब

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आधुनिक टैक्सीमीटर का आविष्कार और सुधार जर्मन आविष्कारकों विल्हेम फ्रेडरिक नेडलर, फर्डिनेंड डेन्कर और फ्रेडरिक विल्हेम गुस्ताव ब्रुहन ने किया। सन् 1897 में गोटलिब डेमलर ने दुनिया की पहली मोटर चालित टैक्सीमीटर-कैब का निर्माण किया और इसका संचालन जून 1897 में स्टटगार्ट में शुरू हुआ। गैसोलीन से चलने वाली टैक्सियाँ सन् 1899 में पेरिस, सन् 1903 में लंदन और सन् 1907 में न्यूयॉर्क में चलने लगीं। 19वीं सदी के अंत में इलेक्ट्रिक बैटरी से चलने वाली टैक्सियाँ भी उपलब्ध हो गईं, और 20वीं सदी की शुरुआत में टैक्सीकैब का प्रचलन तेजी से बढ़ा। 1940 के दशक के अंत में टैक्सी में दो-तरफ़ा रेडियो और सन् 1980 के दशक में कंप्यूटर सहायता प्राप्त डिस्पैचिंग जैसी नई तकनीकों ने टैक्सी सेवा में सुधार किया।


सैन्य और आपातकालीन परिवहन के रूप में

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प्रथम विश्व युद्ध के दौरान मार्ने की पहली लड़ाई में पेरिस की टैक्सियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 7 सितंबर 1914 को पेरिस के सैन्य गवर्नर जोसेफ गैलिएनी ने नैनटेउइल-ले हाउदौइन के मोर्चे पर सैनिकों को पहुंचाने के लिए लगभग छह सौ टैक्सियाँ इकट्ठी कीं। इन टैक्सियों ने लगभग छह हजार सैनिकों और अधिकारियों को मोर्चे तक पहुँचाया, और इसने फ्रांसीसी सेना और नागरिकों के बीच एकजुटता का प्रतीक बनकर फ्रांसीसी मनोबल को बढ़ाया।

21 नवंबर 1974 को बर्मिंघम पब में हुए बम विस्फोटों के बाद आपातकालीन सेवाओं के लिए अभूतपूर्व मांगें आईं। उस समय, घायलों को अस्पतालों तक पहुँचाने के लिए अग्निशमन अधिकारी ने टैक्सी मालिकों से मदद की अपील की, और टैक्सियों ने घायलों को पास के अस्पतालों में पहुँचाया। इस घटना में टैक्सी ने आपातकालीन परिवहन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

टैक्सी सेवाएं सामान्यतः ऑटोमोबाइल द्वारा प्रदान की जाती हैं, लेकिन कुछ देशों में मानव-चालित वाहन (जैसे रिक्शा या पेडीकैब) और पशु-चालित वाहन (जैसे हैंसोम कैब) का भी उपयोग किया जाता है। कुछ स्थानों पर जल परिवहन भी टैक्सी सेवा का हिस्सा होता है, जैसे जल टैक्सी या गोंडोला।

पश्चिमी यूरोप, बिसाऊ और कुछ हद तक ऑस्ट्रेलिया में मर्सिडीज-बेंज जैसी महंगी कारों का टैक्सी के रूप में चयन सामान्य है। यह निर्णय इन वाहनों की विश्वसनीयता और दी जाने वाली वारंटी पर आधारित होता है। हालांकि, ये वाहन लक्जरी कार नहीं माने जाते और इनमें आमतौर पर चार-सिलेंडर टर्बोडीजल इंजन और सीमित उपकरण होते हैं।

लंदन और टोक्यो जैसे शहरों ने टैक्सी वाहनों के लिए विशिष्ट नियम लागू किए हैं, जो आकार, ईंधन दक्षता, उत्सर्जन और पहुंच मानकों को निजी वाहनों से अधिक सख्त बनाते हैं। एलईवीसी टीऍक्स और टोयोटा (जापान) टैक्सी जैसे वाहन आधुनिक उत्सर्जन और पहुंच आवश्यकताओं को पूरा करते हैं, और इनका विस्तार अन्य शहरों में भी होने की संभावना है।

सन्दर्भ

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  1. गिल्बे, वाल्टर (1903). Early Carriages and Roads [प्रारंभिक गाड़ियाँ और सड़कें] (अंग्रेज़ी में). लंदन: विंटन. पृ॰ 29.
  2. "History of the Licensed London Taxi" [लाइसेंस प्राप्त लंदन टैक्सी का इतिहास] (अंग्रेज़ी में). london-taxi-cabs.com. मूल से 29 अप्रैल 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 जनवरी 2025.

बाहरी कड़ियाँ

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