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टाक शो

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1982 के एक टाक शो के दौरान टेरी गार्र का साक्षात्कार लेते डेविड लेटरमैन।

टॉक शो एक ऐसा कार्यक्रम होता है जो टीवी, रेडियो या पॉडकास्ट पर चलता है। इसकी खासियत होती है – खुली और सीधी बातचीत।[1][2][3] दूसरे कार्यक्रमों से टॉक शो इसलिए अलग होते हैं क्योंकि इनमें बातचीत ही मुख्य होती है। इसमें एक होस्ट यानी मेज़बान होता है जो मेहमानों या लोगों के साथ कई विषयों पर चर्चा करता है। ये चर्चा कभी इंटरव्यू के रूप में होती है, तो कभी आम बातचीत की तरह। विषय सामाजिक, राजनीतिक या धार्मिक हो सकते हैं। कार्यक्रम का माहौल और अंदाज़ ज़्यादातर होस्ट की शैली पर निर्भर करता है। टॉक शो की सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें बातें पहले से लिखी नहीं होतीं। बातचीत नई, ताज़ा और स्वाभाविक लगती है।[1][3]

टॉक शो का इतिहास 1950 के दशक से शुरू होकर आज तक चला आ रहा है। आजकल टॉक शो के कई रूप बन चुके हैं। हर रूप की अपनी खासियत होती है और वे दिन के अलग-अलग समय पर या अलग माध्यमों पर प्रसारित किए जाते हो सकते हैं।[4]

प्रकार या उपविधायें

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टॉक शो के कई प्रमुख प्रकार होते हैं। आम तौर पर हर प्रकार का शो दिन के किसी खास समय में प्रसारित किया जाता है। नीचे इनके मुख्य रूप बताए गए हैं —

सुबह के शो (Breakfast Chat Shows)
ये सुबह के समय आते हैं। इनमें खबरों का सारांश, राजनीति से जुड़ी बातें, विशेष रिपोर्टें, फिल्मी हस्तियों के इंटरव्यू और कभी-कभी संगीत कार्यक्रम शामिल होते हैं।
लेट मॉर्निंग शो
ये शो आम तौर पर दो या अधिक होस्ट या किसी सेलिब्रिटी पैनल द्वारा प्रस्तुत किए जाते हैं। इनका ध्यान मनोरंजन, जीवनशैली और हल्के-फुल्के विषयों पर होता है।
डे टाइम टैब्लॉयड शो
इनमें एक होस्ट होता है, कुछ मेहमान या एक पैनल, और सामने बैठी लाइव ऑडियंस। दर्शक और मेहमान दोनों ही बातचीत में सक्रिय भाग लेते हैं। इनमें कभी-कभी सेलिब्रिटी या राजनीतिक विश्लेषक आते हैं, और कई बार आम लोग भी आते हैं जो अनोखे या विवादास्पद मुद्दे उठाते हैं।
लाइफ़स्टाइल या सेल्फ-हेल्प शो
इन शो में डॉक्टर, मनोवैज्ञानिक या सलाहकार जैसे विशेषज्ञ शामिल होते हैं। वे मेहमानों की समस्याओं पर चर्चा करते हैं और समाधान या सलाह देते हैं। इसका एक प्रसिद्ध उदाहरण द ओप्रा विन्फ्रे शो है।

रात के शो (After Dark Shows)

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इवनिंग पैनल डिस्कशन शो (Evening Panel Discussion Shows)
ये शो शाम या देर रात आते हैं। इनमें समाचार, राजनीति या लोकप्रिय संस्कृति पर गंभीर चर्चा होती है। उदाहरण के तौर पर ब्रिटिश शो After Dark को देखा जा सकता है।
लेट नाइट टॉक शो
ये सबसे लोकप्रिय टॉक शो माने जाते हैं। इनमें होस्ट शुरुआत में दिन की घटनाओं पर मज़ेदार टिप्पणी या मोनोलॉग करता है। फिर सेलिब्रिटी इंटरव्यू, कॉमेडी स्केच और संगीत या स्टैंड-अप प्रदर्शन होते हैं।

अन्य प्रकार

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संडे मॉर्निंग टॉक शो
ये शो रविवार की सुबह प्रसारित होते हैं और मुख्य रूप से राजनीतिक खबरों, नेताओं और पत्रकारों के इंटरव्यू पर केंद्रित होते हैं।
आफ्टरशो
ऐसे शो होते हैं जो किसी कार्यक्रम के तुरंत बाद उसी चैनल पर आते हैं। इनमें उस कार्यक्रम पर चर्चा की जाती है। जैसे – Talking Dead शो, जो The Walking Dead सीरीज़ के बाद आता था।
स्पूफ टॉक शो (Spoof Talk Shows)
ये व्यंग्यात्मक या हास्य शैली के शो होते हैं। इनमें नकली इंटरव्यू या मज़ाकिया स्थितियाँ दिखाई जाती हैं। जैसे – Space Ghost Coast to Coast, Tim and Eric Nite Live, Comedy Bang! Bang! और The Eric Andre Show कुछ प्रमुख उदाहण हैं। ये शो टॉक शो की परंपरागत शैली का मज़ाक भी उड़ाते हैं।

भारत में

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भारत में टॉक शो की परंपरा काफी समृद्ध और विविध रही है। यहाँ के टॉक शो मनोरंजन, राजनीति, समाज, प्रेरणा और हास्य जैसे अनेक विषयों को एक साथ छूते हैं। भारतीय दर्शक हमेशा से ऐसी बातचीत में दिलचस्पी लेते आए हैं जिसमें प्रसिद्ध हस्तियाँ, विचारक या आम लोग अपने अनुभवों और विचारों को खुलकर साझा करते हैं। इस परंपरा की शुरुआत 1990 के दशक में मूवर्स एंड शेकर्ज़ जैसे शो से हुई, जिसे शेखर सुमन ने होस्ट किया था। यह भारत का पहला “लेट-नाइट टॉक शो” माना जाता है, जिसमें हास्य और ताज़ा घटनाओं पर व्यंग्य के साथ मेहमानों से बातचीत होती थी। इसी दौर में गंभीर मुद्दों पर केंद्रित कार्यक्रम जैसे आपकी अदालत ने भी लोकप्रियता हासिल की। रजत शर्मा द्वारा संचालित इस शो में राजनीतिक, सामाजिक और फिल्मी हस्तियों से सवाल-जवाब अदालत जैसी शैली में किए जाते हैं, जिससे यह अब तक का सबसे लंबे समय तक चलने वाला टॉक शो बन गया है।

मनोरंजन जगत में रेनदेवू विद सिमी गरेवाल ने अपनी अलग पहचान बनाई, जहाँ सिमी गरेवाल[5] ने अपने सधे हुए और संवेदनशील सवालों से दर्शकों को बॉलीवुड सितारों की निजी ज़िंदगी की झलक दिखाई। इसके बाद कॉफ़ी विद करण ने इस परंपरा को नए युग में पहुँचाया। करण जौहर का यह शो हल्के-फुल्के सवालों, गॉसिप और खेल-खेल में पूछे जाने वाले रैपिड फायर राउंड के लिए आज भी बेहद लोकप्रिय है। इसी तरह द कपिल शर्मा शो ने टॉक शो को कॉमेडी के रंग में रंग दिया, जहाँ हँसी-मज़ाक के बीच सितारों से बातचीत होती है और दर्शकों का भरपूर मनोरंजन होता है।

दूसरी ओर, गंभीर और बौद्धिक चर्चा वाले शो भी भारतीय टेलीविज़न का अहम हिस्सा रहे हैं। वी द पीपल और द बिग फाइट जैसे कार्यक्रमों ने राजनीति, समाज और संस्कृति पर गहन बहस का मंच दिया। बरखा दत्त और विक्रम चंद्रा जैसे एंकरों ने इन कार्यक्रमों को एक गंभीर और विश्वसनीय पहचान दी। प्रेरक विषयों पर आधारित टेड टॉक्स इंडिया – नई सोच ने भारतीय दर्शकों को नवाचार, सामाजिक बदलाव और जीवन के प्रेरक विचारों से परिचित कराया, जिसे शाहरुख़ खान ने होस्ट किया। इसी तरह आज की रात है ज़िंदगी में अमिताभ बच्चन ने आम लोगों की असाधारण कहानियों को मंच दिया, जहाँ समाज में बदलाव लाने वाले व्यक्तियों का सम्मान किया गया।

अनुपम खेर का कुच्छ भी हो सकता है भी एक प्रेरक टॉक शो था, जिसमें जीवन के संघर्षों और आत्मबल की कहानियाँ साझा की जाती थीं। डिजिटल युग में यह परंपरा नए रूपों में जारी है। यूट्यूब और पॉडकास्ट प्लेटफ़ॉर्म पर सोन ऑफ अबिश (अबिश मैथ्यू), सायरस सेज़ (सायरस ब्रोचा) और द रणवीर शो (रणवीर अल्लाबादिया) जैसे कार्यक्रम युवा दर्शकों में बेहद लोकप्रिय हुए हैं। इनमें बातचीत सहज, हल्की-फुल्की और खुली होती है, जो आज के डिजिटल समाज की भाषा को दर्शाती है।

कुल मिलाकर, भारत के टॉक शो केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं रहे हैं[6], बल्कि उन्होंने समाज की नब्ज़ को भी छुआ है। कभी हँसी के साथ, कभी गहराई से सोचने पर मजबूर करते हुए, ये शो हमारे समय के विचार, संस्कृति और संवाद की परंपरा को जीवित रखते हैं।

सन्दर्भ

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  1. 1 2 Bernard M. Timberg, Robert J. Erler (2010) Television Talk: A History of the TV Talk Show, pp.3-4
  2. Erler, Robert (2010) "A Guide to Television Talk", in Television Talk: A History of the TV Talk Show, by Bernard M. Timberg
  3. 1 2 Goffman, Erving (March 1981). Forms of Talk (अंग्रेज़ी भाषा में). University of Pennsylvania Press. ISBN 978-0-8122-1112-2.
  4. Television talk shows : discourse, performance, spectacle. Tolson, Andrew. Mahwah, N.J.: Lawrence Erlbaum. 2001. ISBN 0-8058-3746-9. ओसीएलसी 44592593.{{cite book}}: CS1 maint: others (link)
  5. जैन, ईशिका. "टॉक शोज को लेकर पॉपुलर हुई थीं सिमी गरेवाल दुबारा क्यों नहीं किए शुरू?". News24 Hindi. अभिगमन तिथि: 4 अक्टूबर 2025.
  6. "Why talk shows no longer click with Indian viewers, and how to revive this genre". adgully.com. अभिगमन तिथि: 4 October 2025.

बाहरी कड़ियाँ

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