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टाइम्स न्यू रोमन

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टाइम्स न्यू रोमन फ़ॉन्ट का उदाहरण

  टाइम्स न्यू रोमन (अंग्रेज़ी: Times New Roman) एक सेरिफ़ (serif) टाइपफ़ेस है जिसे ब्रिटिश समाचारपत्र द टाइम्स के उपयोग के लिए १९३१ में अधिगृहित किया गया था। यह सभी समय के सबसे लोकप्रिय टाइपफ़ेसों में से एक बन गया है और अधिकांश व्यक्तिगत कंप्यूटरों में स्थापित रहता है। इस टाइपफ़ेस की रचना स्टैनली मॉरिसन, जो ब्रिटेन की टाइपफ़ेस निर्माता कंपनी मोनोटाइप के कलात्मक सलाहकार थे, ने विक्टर लार्डेंट, जो द टाइम्स के विज्ञापन विभाग में एक लेटरिंग कलाकार थे, के साथ मिलकर की थी।

जब द टाइम्स ने अपना टाइपफ़ेस पुनः डिज़ाइन करने के लिए सलाह मांगी, तब मॉरिसन ने सुझाव दिया कि वे अपने मुख्य लेखन हेतु जो उन्नीसवीं सदी का पतला-सा टाइपफ़ेस उपयोग कर रहे हैं, उसे छोड़कर एक अधिक सुदृढ़ और ठोस डिज़ाइन अपनाएँ, जो अष्टादशवीं सदी और उससे पूर्व की मुद्रण परंपराओं के अनुरूप हो। उस समय मुद्रण शैलियों में यह प्रवृत्ति प्रचलित थी। मॉरिसन ने डिज़ाइन के लिए मोनोटाइप का एक पुराना टाइपफ़ेस “प्लांटिन” आधार के रूप में प्रस्तुत किया, और टाइम्स न्यू रोमन का आकार ज्यादातर प्लांटिन के सम्मिलन से मेल खाता है। मुख्य परिवर्तन यह था कि अक्षरों की लकीरों के बीच के अन्तर को बढ़ाया गया ताकि लेखनी अधिक स्पष्ट और कुरकुरी दिखे। नई डिज़ाइन ने द टाइम्स में पहली बार 3 अक्टूबर 1932 को पदार्पण किया। एक वर्ष पश्चात् इस डिज़ाइन को व्यावसायिक बिक्री के लिए जारी कर दिया गया। “टाइम्स न्यू रोमन” नाम में “रोमन” शब्द नियमित या रोमन शैली (जिसे कभी-कभी “एंटीक्वा” भी कहते हैं) की ओर संकेत करता है, जो इस टाइपफ़ेस परिवार का पहला भाग था। रोमन टाइप की जड़ों का संबंध पंद्रहवीं सदी के उत्तरार्ध और सोलहवीं सदी के आरंभ में इतालवी मुद्रण से है, किन्तु टाइम्स न्यू रोमन के डिज़ाइन का रोम या रोमन लोगों से कोई संबंध नहीं है।

द टाइम्स ने मूल टाइम्स न्यू रोमन टाइपफ़ेस का उपयोग 40 वर्षों तक जारी रखा। उसके पश्चात्, १९७२ से २००७ के बीच उन्होंने नई उत्पादन तकनीकों और २००४ में ब्रॉडशीट से टैब्लॉइड प्रारूप परिवर्तन के कारण पाँच बार मूल टाइपफ़ेस के विभिन्न रूपों में परिवर्तन किया।