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झारखंड महादेव मंदिर जयपुर

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झाड़खंड महादेव मंदिर
धर्म संबंधी जानकारी
सम्बद्धताहिन्दू धर्म
देवताभगवान शिव
अवस्थिति जानकारी
ज़िलाजयपुर
राज्यराजस्थान
देशभारत
वास्तु विवरण
शैलीदक्षिण भारतीय शैली
निर्माताबब्बू सेठ
स्थापित1918 (निर्माण)
वेबसाइट
https://jharkhandmahadev.in/

झाड़खंड महादेव मंदिर भारत के राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर में स्थित एक प्रमुख शिव मंदिर है, जो अपनी अनूठी स्थापत्य शैली और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर विशेष रूप से दक्षिण भारतीय वास्तुकला के अद्वितीय उदाहरण के रूप में जाना जाता है, जो राजस्थान में अन्य मंदिरों से एकदम अलग है। इस मंदिर को जयपुर के प्रमुख धार्मिक स्थलों में गिना जाता है और यहाँ हर वर्ष लाखों भक्तों की भीड़ उमड़ती है, खासकर महाशिवरात्रि और सावन के महीने में।[1][2]

झाड़खंड महादेव मंदिर का इतिहास 1918 में शुरू होता है, जब बब्बू सेठ ने इस स्थान पर एक कुआं, कोठरी और तिबारा बनवाया था। इसे बाद में एक शिव मंदिर के रूप में विकसित किया गया। मंदिर के निर्माण में गोविंदनाथ बाबा का योगदान विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जिनके आशीर्वाद से यहाँ शिवलिंग की स्थापना की गई। यह मंदिर अपने 100 से अधिक वर्षों के इतिहास में कई धार्मिक आयोजनों का गवाह बन चुका है। गोविंदनाथ बाबा की समाधि भी मंदिर परिसर में स्थित है, जो श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है।[3][4]

स्थापत्य और विशेषताएँ

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झाड़खंड महादेव मंदिर की स्थापत्य शैली दक्षिण भारतीय मंदिरों से प्रेरित है, जो राजस्थान में अन्य किसी मंदिर में नहीं पाई जाती। मुख्य द्वार के ऊपर दक्षिण भारतीय शैली का गुंबद है, जबकि गर्भगृह का डिज़ाइन उत्तर भारतीय शैली के मंदिरों से प्रभावित है। मंदिर का निर्माण इस प्रकार से किया गया है कि एक प्राकृतिक पेड़ को काटने के बजाय उसे संरक्षित किया गया और उसी के आस-पास मंदिर का निर्माण किया गया। यह मंदिर अपने वास्तुकला में धार्मिक और पर्यावरणीय संतुलन का प्रतीक है। परिसर में हरियाली और आसपास की प्राकृतिक सुंदरता श्रद्धालुओं को शांति का अनुभव कराती है।[5][6]

धार्मिक महत्व

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झाड़खंड महादेव मंदिर का धार्मिक महत्व अत्यधिक है, और यह जयपुर में हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल बन चुका है। यहाँ विशेष रूप से सावन के महीने में श्रद्धालु शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए बड़ी संख्या में आते हैं। मंदिर में महाशिवरात्रि के अवसर पर चार प्रहर की पूजा होती है, जिसमें शिव भक्त पूरे दिन और रात भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं।[7][8]

विशेष आयोजन

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मंदिर में दक्षिण भारतीय परंपराओं के अनुरूप बड़े धार्मिक आयोजन होते हैं। इनमें महाकुंभाभिषेकम् एक प्रमुख आयोजन है, जिसमें देशभर से जल लाकर मंदिर में अभिषेक किया जाता है। इस आयोजन में विशेष पूजन सामग्री का उपयोग भी किया जाता है, जो दक्षिण भारतीय विधियों के अनुसार होती है। यह आयोजन मंदिर की विशिष्टता और जयपुर में इसकी अहमियत को और बढ़ाता है।[9][10]

प्रबंधन

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झाड़खंड महादेव मंदिर का प्रबंधन बब्बू सेठ मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा किया जाता है, जो मंदिर की देखभाल और धार्मिक कार्यक्रमों का संचालन करता है। यह ट्रस्ट मंदिर के दैनिक संचालन और विशेष आयोजनों की निगरानी करता है और श्रद्धालुओं के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयासरत है।[5]

देखिए भी

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  1. ["Famous Shiv Mandir in Jaipur:जयपुर के फेमस शिव मंदिर जहां सावन की पूजा से पूरी होगी मनोकामना". morningnewsindia. 22 जुलाई 2024.]
  2. "Devotees Throng Temples To Celebrate Mahashivratri". Times of India. 2 मार्च 2022. अभिगमन तिथि: 28 अप्रैल 2025.
  3. ["झाड़खंड महादेव मंदिर का इतिहास". Navbharat Times. 29 अप्रैल 2022. अभिगमन तिथि: 27 अप्रैल 2025.]
  4. ["जयपुर में होने के बाद भी कहलाता है झारखंड महादेव मंदिर, दक्षिण भारतीय शैली में बना छोटी काशी का एकमात्र मंदिर! - झारखंड महादेव मंदिर". ETV Bharat Rajasthan Team. 8 March 2024.]
  5. ["बब्बू सेठ ने झाड़खंड महादेव मंदिर का निर्माण कराया". Patrika. अभिगमन तिथि: 27 अप्रैल 2025.]
  6. ["महाकुंभाभिषेकम् : झाड़खंड महादेव मंदिर में दक्षिण भारत की तर्ज पर होगा आयोजन 31 जनवरी से". Patrika. अभिगमन तिथि: 27 अप्रैल 2025.]
  7. ["जयपुर का 100 साल पुराना यह महादेव मंदिर दक्षिण भारतीय शैली में बना है, सावन में उमड़ती है भक्तों की भीड़". News18 हिंदी. अभिगमन तिथि: 27 अप्रैल 2025.]
  8. ["महाशिवरात्रि पर झाड़खंड महादेव मंदिर में पूजा: अल सुबह से भक्तों की लगी कतार, चार प्रहर की हुई पूजा". Bhaskar. 8 मार्च 2024. अभिगमन तिथि: 27 अप्रैल 2025.]
  9. ["जयपुर: झाड़खंड महादेव मंदिर में हुआ दुर्लभ महाकुंभाभिषेकम्, दक्षिण भारत की परंपराओं का हुआ निर्वहन". Zee News Hindi. 1 फ़रवरी 2023. अभिगमन तिथि: 27 अप्रैल 2025.]
  10. ["महाशिवरात्रि 2024: झाड़खंड महादेव मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब, भोले के जयकारों से गुंजायमान हुआ वातावरण". Patrika. 8 मार्च 2024. अभिगमन तिथि: 27 अप्रैल 2025.]