ज्येष्ठभ्राता विवाह

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ज्येष्ठभ्राता विवाह (अंग्रेज़ी: Henogamy) एक सामाजिक प्रथा है जिसके अंतरगत किसी भी परिवार के सगे भाइयों में केवल बड़े भाई को विवाह की अनुमति थी।

ज्येष्ठभ्राता विवाह का उद्देश्य परिवार की भूमि अथवा धन-सम्पत्ति को बटवारे से रोकना था। यह प्रथा तमिल नाडु और केरल के नम्बूद्री ब्राह्मण समुदाय के बीच प्रचलित थी।[1]

सन्दर्भ[संपादित करें]