ज्ञानेश्वरी

ज्ञानेश्वरी महाराष्ट्र के संत कवि ज्ञानेश्वर द्वारा मराठी भाषा में रची गई श्रीमदभगवतगीता पर लिखी गई सर्वप्रथम भावार्थ रचना है। वस्तुत: यह काव्यमलेकनय प्रवचन है जिसे संत ज्ञानेश्वर ने अपने जेष्ठ बंधू तथा गुरू निवृत्तिनाथ के निर्देश पर किया था। इसमें गीता के मूल ७०० श्लोकों का मराठी भाषा की ९००० ओवियों में अत्यंत रसपूर्ण विशद विवेचन है। अंतर केवल इतना ही है कि यह श्री शंकराचार्य के समान गीता का प्रतिपद भाष्य नहीं है। यथार्थ में यह गीता की भावार्थदीपिका है। ज्ञानेश्वरी पर भारत सरकार के डाक विभाग ने सन् 1990 में 2 रुपये मूल्य का एक डाक टिकट जारी किया था।
परिचय
[संपादित करें]यह भाष्य अथवा टीका ज्ञानेश्वर जी की स्वतंत्र बुद्धि की देन है। मूल गीता की अध्यायसंगति और श्लोकसंगति के विषय में भी कवि की स्वयंप्रज्ञा अनेक स्थलों पर प्रकट हुई है। प्रारंभिक अध्यायों की टीका संक्षिप्त है परंतु क्रमश: ज्ञानेश्वर जी की प्रतिभा प्रस्फुटित होती गई है। गुरुभक्ति, श्रोताओं की प्रार्थना, मराठी भाषा का अभिमान, गीता का स्तवन, श्रीकृष्ण और अर्जुन का अकृत्रिम स्नेह इत्यादि विषयों ने ज्ञानेश्वर को विशेष रूप से मुग्ध कर लिया है। इनका विवेचन करते समय ज्ञानेश्वर की वाणी वस्तुत: अक्षर साहित्य के अलंकारों से मंडित हो गई है। यह सत्य है कि आज तक भगवद्गीता पर साधिकार वाणी से कई काव्यग्रंथ लिखे गए। अपने कतिपय गुणों के कारण उनके निर्माता अपने-अपने स्थानों पर श्रेष्ठ ही हैं तथापित डॉo राo दo रानडे के समुचित शब्दों में यह कहना ही होगा कि विद्वत्ता, कविता और साधुता इन तीन दृष्टियों से गीता की सभी टीकाओं में 'ज्ञानेश्वरी' का स्थान सर्वश्रेष्ठ है।
ज्ञानेश्वर ने अपनी टीका शंकराचार्य के गीताभाष्य के आधार पर लिखी है। ज्ञानदेव के स्वयं नाथ संप्रदाय में दीक्षित हाने के कारण उनके इस ग्रंथ में उक्त संप्रदाय के यत्र-तत्र संकेत मिलते हैं। गीता-भाष्य में वर्णित ज्ञान एवं भक्ति के समन्वय के साथ नाथ संप्रदाय के योग, स्वानुभव इत्यादि बातों का ज्ञानदेव के विवेचन में समावेश हुआ है। इन्होंने इन मूल सिद्धांतों को भागवत संप्रदाय की सुदृढ़ पीठिका पर प्रतिष्ठित किया है। ज्ञानेश्वरी भक्ति-रस-प्रधान ग्रंथ है। ईश्वर-प्राप्ति का एकमेव साधन भक्ति ही है, यह इसका महासिद्धांत है। ज्ञानदेव की भक्ति, पूजन अर्चना, व्रत तथा नियमादि से बाह्य स्वरूप की नहीं अपितु नामस्मरणदि साधनोंवाली अंतरस्वरूप की थी। नाथपंथ का योगमार्ग जन साधारण के लिये सहज साध्य न होने के कारण ज्ञानेश्वर ने उसे भक्ति का अधिष्ठान देकर ईश्वरभक्ति रूपी नेत्रों से युक्त कर दिया।
भारतीय दर्शन की विचारपरंपरा से ज्ञानदेव द्वारा प्रतिपादित स्फूर्तिवाद को महत्व का स्थान देना होगा। ज्ञानेश्वरी में स्फुरणरूप से अथवा बीजरूप से व्यक्त होनेवाला स्फूर्तिवाद ज्ञानेश्वर द्वारा उनके अमृतानुभव नामक एक छोटे ग्रंथ में विशद रूप से प्रतिपादित है। इस ग्रंथ के सातवें अध्याय में ज्ञानदेव ने 'विश्व का ही नाम चिद्विलास है' यह सिद्धांत तर्क शुद्ध पद्धति से प्रतिपादित किया है।
ज्ञानेश्वरी के अलंकारपक्ष का अवलोकन करने पर कवि के प्रतिभासंपन्न हृदय के दर्शन होते हैं। ऐसा प्रतीत होता है, मानो वे उपमा और रूपक के माध्यम से ही बोल रहे हों। उनकी इस रचना में मालोपमा और सांगरूपक मुक्तहस्त से बिखेरे गए हैं। विशेषता यह है कि ये सारी उपमाएँ और रूपक गीताटीका से तादात्म्य पा गए हैं। मायानदी, गुरुपूजा, पुरुष, प्रकृति, चित्सूर्य आदि उनके मराठी साहित्य में ही नहीं अपितु विश्ववांमय में अलौकिक माने जा सकते हैं। ये ही वे रूपक हैं जिनमें काव्य और दर्शन की धाराएँ घुल मिल गई हैं।
अनुवाद
[संपादित करें]इस ग्रन्थ के कई भाषाओं में अनुवाद हुए हैं। गीता प्रेस के द्वारा इसका हिंदी भाषा में भी अनुवाद हुआ है।
ज्ञानेश्वरी का निरूपण करने वाले कुछ अन्य ग्रन्थ
[संपादित करें]- अध्यात्म ज्ञानेश्वरी (शुभदा खाडिलकर)
- अध्यात्माचा शास्त्रीय अन्वयार्थ अर्थात ज्ञानेश्वरीचे सुलभ संकलन (धनश्री कानिटकर)
- (श्रीमंत्र) अभंग ज्ञानेश्वरी, भाग १, २ (स्वामी स्वरूपानन्द)
- अमृतमधुर संपूर्ण ज्ञानेश्वरी ( ज्ञानेश्वर तांदळे)
- अमृत ज्ञानेश्वरी, भाग १ ते ६ (राम केशव रानडे)
- असावी घरोघरी आरोग्य ज्ञानेश्वरी
- आरोग्य ज्ञानेश्वरी
- आर्याबद्ध ज्ञानेश्वरी (मोरेश्वर तासकर)
- इये भक्तीचिये वाटे लाग : ज्ञानेश्वरी अध्याय ९ (कृष्णानाथ वैद्य)
- ॐ नमो ज्ञानेश्वरी (कृष्णकांत नाईक)
- ओळखीचे सूर : ज्ञानेश्वरी भाग १ (फु.ल. वनवासी फुल, रा.अ. काळेले, श्री.मा. कुलकर्णी, ना. टिळक).
- 'द जिनियस ऑफ ज्ञेनेश्वर' (डेमी-साईज पृष्ठसंख्या १०३४, लेखक - रवीन थत्ते)
- ’अमृतकण’ ज्ञानेश्वरी (रमेश लिमये)
- अमृतमय श्री ज्ञानेश्वरी (आबा परांजपे)
- केतकी-शब्दार्थ जान्हवी सहित ज्ञानेश्वरी खंड-अनेक (द.वे. केतकर)
- गीत ज्ञानेश्वरी (प्रल्हाद अवचट)
- गीता ज्ञानेश्वरी नवनीत (रा.ना. चौधरी)
- गीर्वाण ज्ञानेश्वरी (अ.वि. खासनीस)
- ग्रंथश्रेष्ठ ज्ञानेश्वरी (नि.ना. रेळेकर)
- घरोघरी ज्ञानेश्वरी जन्मती (ह.वि. सरदेसाई)
- जाणीव, भाग १, २ (ज्ञानेश्वरीतील काही ओव्यांवर लिहिलेले हे मुक्त निबंध आहेत. एकूण १३४ ओव्यांवर यामध्ये भाष्य केलेले आहे) (लेखक - रवीन थत्ते)
- दर्शन ज्ञानेश्वरी (वि.ग. कानिटकर)
- दिव्यामृतधारा : श्री ज्ञानेश्वरीच्या बाराव्या अध्यायावरील प्रगत दर्शन (मोरेश्र्वर)
- दैनंदिन ज्ञानेश्वरी (प्र न जोशी)
- नमो ज्ञानेश्वरी (अक्षय प्रकाशन)
- नवनीत-ज्ञानेश्वरी (गजानन कृष्णाजी सावरकर)
- निवडक ज्ञानेश्वरी (रमेश पुंडलिक)
- निवडक ज्ञानेश्वरी (वामन देशपांडे)
- पुरुषोत्तम मंगेश लाड स्मृति व्याख्यानमाला : ज्ञानेश्वरी साहित्याचे अक्षर लेणे (सरकारी मुद्रणालय, नागपूर)
- प्रसाद ज्ञानेश्वरी (अविनाश साठे)
- बाल-बोध ज्ञानेश्वरी (गोपीनाथ तळवलकर)
- बीज ज्ञानेश्वरी (माधव कानिटकर)
- भागवत महापुराण आणि ज्ञानेश्वरी (रा.श. नगरकर)
- भारतीय संस्कती कोश (खंड १० सिंधी लोक ते ज्ञानेश्वरी) (संपादक : महादेवशास्त्री जोशी)
- भाव गीतांजली अर्थात गीत ज्ञानेश्वरी (घोडवैद्य)
- भावे अवलोकिता ज्ञानेश्वरी (सु़षमा वाटवे)
- महाराष्ट्र साहित्य पत्रिका (ज्ञानेश्वरी विशेषांक) एप्रिल ते सप्टेंबर १९७५ (भालचंद्र फडके)
- माणूस नावाचे जगणे (ज्ञानेश्वरीतील ओव्यांच्या आधारे केलेले 'माणुसकी'बद्दलचे विवेचन) (लेखक - रवीन थत्ते)
- मी हिंदू झालो (वैचारिक) (लेखक - रवीन थत्ते)
- मुलांसाठी ज्ञानेश्वरी (शैलजा मुकुंद सबनीस)
- येई परतुनी ज्ञानेश्वरा (लेखक - डॉ. रामचंद्र मोरवंचीकर)
- रत्नजडित ज्ञानेश्वरी (प्र.न. जोशी)
- लोकराज्य श्री ज्ञानेश्वरी सप्तशताब्दी (महाराष्ट्र शासन शिक्षण विभाग)
- वाचावी ज्ञानेश्वरी (शिरीष कवडे)
- (वि)ज्ञानेश्वरी (तत्त्वज्ञानविषयक, लेखक - रवीन थत्ते, सहलेखिका - मृणालिनी चितळे)
- व्यक्तिमत्त्व विकासाची आधुनिक ज्ञानेश्वरी भाग-१, २ (जयप्रकाश बागडे)
- शारदीचिये चंद्रकळे (रामचंद्र देखणे)
- शिकवण ज्ञानेश्वरीची (शरदचंद्र कोपर्डेकर)
- ज्ञानदेवीची गौरवगाथा (स.कृ. देवधर)
- सचित्र श्री ज्ञानेश्वरी कथासार (दत्तराज देशपांडे)
- सचित्र सटीप ज्ञानेश्वरी (संपादक, गणेशशास्त्री जोशी)
- सचित्र सार्थ ज्ञानेश्वरी सार : नित्य बोधपाठावली (एस.के. गायकवाड)
- सटीप ज्ञानेश्वरी (काका जोशी)
- सटीप ज्ञानेश्वरी, अमृतानुभव व चांगदेवपासष्टीसह (कृ.वि. सोमण, का.रा. पाटील)
- सटीप श्री ज्ञानेश्वरी (दिवाकर अनंत घैसास)
- सटीप ज्ञानेश्वरी (रा.गो. पाटील)
- संपूर्ण सुलभ ज्ञानेश्वरी (काशीनाथ अनंत जोशी)
- संपूर्ण सुलभ ज्ञानेश्वरी (मराठी साहित्य प्रकाशन)
- समओवी ज्ञानेश्वरी (अंजली ठकार)
- सर्वांसाठी ज्ञानेश्वरी (शशिकांत नानल)
- संक्षित ज्ञानेश्वरी (मुकुंद गोखले)
- सांगते ऐका ज्ञानेश्वरी (शंकराव निकम)
- सार्थमोदिनी ज्ञानेश्वरी (धुंडीराज ना.ऋणीपाठक)
- सार ज्ञानेश्वरी (विठ्ठल स. काटकर, शारदा प्रकाशन)
- सार्थ श्री ज्ञानेश्वरी (गो.नी. दांडेकर)
- सार्थ श्री ज्ञानेश्वरी (ढवळे प्रकाशन)
- सार्थ श्री ज्ञानेश्वरी (तु.रा. यादव, रंगनाथ परभणीकर)
- सार्थ ज्ञानेश्वरी (प्रकाशक : (नानामहाराज जोशी)
- सार्थ श्री ज्ञानेश्वरी (बाळकृष्ण अ. भिडे)
- सार्थ श्री ज्ञानेश्वरी (म.शं. गोडबोले)
- सार्थ ज्ञानेश्वरी (वारकरी शिक्षण संस्था प्रकाशन, आळंदी)
- सार्थ ज्ञानेश्वरी (विद्या प्रकाशन)
- सार्थ ज्ञानेश्वरी (विनायक ना. जोशी)
- सार्थ ज्ञानेश्वरी (शं.वा. दांडेकर)
- सार्थ श्री ज्ञानेश्वरी रहस्य (श्रीकांत देसाई)
- सार्थ ज्ञानेश्वरी प्रस्तावना (सोनोपंत दांडेकर)
- साहित्य-ज्ञानेश्वरी विशेषांक (हेमंत इनामदार. प्रकाशक : मुंबई मराठी साहित्य संघ)
- सिद्ध ज्ञानेश्वरी अध्याय (सर्वेश्वरी)
- सुबोध ज्ञानेश्वरी (श्रीधर भास्कर वर्णेकर)
- सुबोध ज्ञानेश्वरी अध्याय १ ते १८ (प्रकाशक : यशवंत गोपाळ जोशी)
- सुबोध ज्ञानेश्वरी अध्याय १४ ते १८ (य.गो. जोशी)
- सुरूप ज्ञानेश्वरी (प.रा. ओक)
- स्वरूप ज्ञानेश्वरी (प्र.ग. देशमुख)
- स्वरूप ज्ञानेश्वरी (म.ना. झोळ)
- स्वरूप ज्ञानेश्वरी (रा.वि. गोडबोले)
- स्वाध्याय ज्ञानेश्वरी खंड १ ते ४अ (आबा परांजपे)
- ज्ञानेश्वर आणि ज्ञानेश्वरी (न.र. फाटक)
- ज्ञानेश्वरी (अण्णा मोरेश्वर कुंटे)
- ज्ञानेश्वरी (अ.दा. आठवले).
- श्री ज्ञानेश्वरी (अबक)
- श्री ज्ञानेश्वरी (अशोक कामत)
- ज्ञानेश्वरी (कृ.वि. सोमण)
- ज्ञानेश्वरी (गोविंद रा. मोघे)
- श्री ज्ञानेश्वरी (द.वा. पाठक)
- ज्ञानेश्वरी (बा.मा.खुपेरकर, रेळेकर)
- ज्ञानेश्वरी (भालचंद्र खांडेकर, लीला गोविलकर)
- श्री ज्ञानेश्वरी (महादेवशास्त्री जोशी
- श्री ज्ञानेश्वरी (महाराष्ट्र शासन शिक्षण विभाग)
- श्री ज्ञानेश्वरी.(प्रकाशक : महाराष्ट्र सरकार)
- श्री ज्ञानेश्वरी (वि. का. राजवाडे)
- ज्ञानेश्वरी (वैकुंठराय)
- ज्ञानेश्वरी (व्यं.त्र्यं. चाफेकर)
- ज्ञानेश्वरी (श्री.मा. कुलकर्णी)
- श्री ज्ञानेश्वरी (सत्यदेवानंद सरस्वती)
- ज्ञानेश्वरी अध्याय १ (ग.स. शुक्ल)
- ज्ञानेश्वरी अध्याय १ (निर्मलकुमार फडकुले)
- ज्ञानेश्वरी अध्याय १ (वा.पु. गिंडे, सूर्यकांत खांडेकर)
- ज्ञानेश्वरी : अध्याय पहिला (रत्नाकर बापुराव मंचरकर)
- ज्ञानेश्वरी २रा अध्याय (बा.मा.खुपेरकर)
- ज्ञानेश्वरी (अध्याय ३ रा, ५वा, मंगळूरकर)
- ज्ञानेश्वरी अध्याय ३, १२ (अरविंद मंगरुळकर, विनायक मो. केळकर)
- ज्ञानेश्वरी अध्याय तिसरा (हेमलता नाईक)
- श्री ज्ञानेश्वरी भाग ३ (रामचंद्र वाळिंबे)
- श्री ज्ञानेश्वरी अध्याय - ४था (स.रा.गाडगीळ)
- ज्ञानेश्वरी अध्याय ५ (रामदास डांगे)
- ज्ञानेश्वरी (अध्याय ७) (संपादित, वि. य. कुलकर्णी)
- ज्ञानेश्वरी (अध्याय ७) (श्रीनिवास ना. बनहट्टी)
- ज्ञानेश्वरी अध्याय ९वा (अ.ना. देशपांडे)
- ज्ञानेश्वरी नववा अध्याय (पा.ना. कुलकर्णी)
- ज्ञानेश्वरी अध्याय ९वा (वि.का. राजवाडे)
- ज्ञानेश्वरी अध्याय ९ ते १२ (बाबूरावबुवा चतुर्भुज)
- श्री ज्ञानेश्वरी (अध्याय ९वा, १६वा) (ल.वि. कर्वे)
- ज्ञानेश्वरी अध्याय बारावा (डाॅ. मदन कुलकर्णी)
- ज्ञानेश्वरी १२वा अध्याय. (संपादित, कल्याण काळे/दत्तात्रेय पुंडे)
- ज्ञानेश्वरी (अध्याय १२वा), (शं.वा. दांडेकर)
- ज्ञानेश्वरी १२वा अध्याय (स.रा. गाडगीळ)
- ज्ञानेश्वरी अध्याय -१२वा (राहेगांवकर, वाडीकर)
- ज्ञानेश्वरी अध्याय १२वा, १६वा (महादेव नामदेव अदवंत)
- ज्ञानेश्वरी अध्याय १६ (प्रा. डॉ. बी.एन. पाटील, प्रा. डॉ. आशालता महाजन)
- ज्ञानेश्वरी अध्याय १७ (दत्तात्रेय सीताराम पंगू)
- ज्ञानेश्वरी १७ अध्याय (भालचंद्र खांडेकर)
- श्री ज्ञानेश्वरी खंड १ ते ४ (देशपांडे)
- ज्ञानेश्वरी भाग १, २. (लेखक - रवीन थत्ते)
- श्री ज्ञानेश्वरी भाग १ ते ४ (रामचंद्र वाळिंबे)
- श्री ज्ञानेश्वरी भाग १, २, ३ (रिसबुड कर्वे)
- ज्ञानेश्वरी अंतरंग (१९४८ पृ़ष्ठसंख्या ११७)
- श्री ज्ञानेश्वरी आणि संत मंडळ (हे.वि. इनामदार)
- ज्ञानेश्वरी : एक अपूर्व शांतिकथा (व.दि. कुलकर्णी)
- ज्ञानेश्वरी आत्मानंदाचे तत्त्वज्ञान (ग़जानन विष्णू तुळपुळे)
- ज्ञानेश्वरी एक शोध (उषा देशमुख)
- ज्ञानेश्वरी-ऐश्वर्य भाग पहिला, मंगलदालन (दार्शनिक)
- ज्ञानेश्वरी (ओबडधोबड) भाग १, २. (लेखक - रवीन थत्ते)
- ज्ञानेश्वरी कथामृत खंड १, २, (शं.दि. करंदीकर)
- ज्ञानेश्वरी कथासार (नारायण गं. ओक)
- श्री ज्ञानेश्वरी- कळसाध्याय (अनेक भाग)
- ज्ञानेश्वरी काव्यपंथ {वसंत दावतर)
- श्री ज्ञानेश्वरी गूढार्थ दीपिका (अनेक खंड, बाबाजी महाराज पंडित)
- श्री ज्ञानेश्वरी गूढार्थ दीपिका (अनेक खंड, नाथ पै. पंडित)
- ज्ञानेश्वरी ग्रंथ माहात्म्य (रमेश पुंडलिक)
- ज्ञानेश्वरीचा काव्यबंध (म.सु. पाटील)
- ज्ञानेश्वरीचा तृष्णाबंध (म.सु. पाटील)
- ज्ञानेश्वरीचे अंतरंग (ग्रंथपरिचय, डाॅ.सुहासिनी इर्लेकर)
- ज्ञानेश्वरी-टिपण (शब्दकोश) (पुणे विद्यापीठ प्रकाशन)
- ज्ञानेश्वरी टीका (अध्याय सर्व) (उ.ग. आगाशे)
- ज्ञानेश्वरी तुमची आमची (आशा प्रधान)
- ज्ञानेश्वरी दर्पण (रामभाऊ पाटील)
- श्री ज्ञानेश्वरी दर्शन (रामचंद्र बा. लेगडे)
- ज्ञानेश्वरी दशरूप दर्शन (हे.वि. इनामदार, चंद्रमा प्रकाशन)
- श्री ज्ञानेश्वरी नित्यपाठ (मृणालिनी जोशी)
- ज्ञानेश्वरी-निरूपण खंड १, २ (के.वि. बेलसरे)
- श्री ज्ञानेश्वरी पदकोश (शिवाजी नरहर भावे)
- ज्ञानेश्वरी पद्मपराग (रा.ना. चौधरी)
- ज्ञानेश्वरी परिचय (सदानंद नाईक)
- ज्ञानेश्वरी पारायण प्रत (ज्ञानेश्वर)
- ज्ञानेश्वरी पारिजात (भोरूकर)
- ज्ञानेश्वरी प्रबोध (हे वि इनामदार आणि ग.वा. करंदीकर)
- ज्ञानेश्वरी-प्रवेशिका (पंडित महादेवशास्त्री जोशी)
- श्री ज्ञानेश्वरी - भाव, अर्थ, आनंद (अमृत म. जोशी)
- ज्ञानेश्वरी भावदर्शन भाग १, २ (शंकरमहाराज खंदारकर)
- ज्ञानेश्वरी म्हणी व वाक्प्रचार(गजानन शं. खोले)
- ज्ञानेश्वरी रहस्य (श्रीनिवास ना. बनहट्टी)
- ज्ञानेश्वरी व विसावे शतक (स्नेहल तावरे)
- ज्ञानेश्वरी वाग्विलास दर्शन (शं.कि. चतुरकर)
- श्री ज्ञानेश्वरी वाङ्मयसुमने व सुवचने (प्रभावती बापट)
- ज्ञानेश्वरीचे वाङ्मयीन वैभव (डॉ. लीला गोविलकर)
- ज्ञानेश्वरी विरुद्ध गीता (ग.वा. कवीश्वर)
- ज्ञानेश्वरी विलसते (उषा देशमुख)
- श्री ज्ञानेश्वरी विविध दर्शन (शेटे - ढेरे)
- ज्ञानेश्वरी विशेष चिंतन (नामदेवशास्त्री महाराज, ’सकाळ’मध्ये प्रसिद्ध झालेल्या ७० लेखांचे संकलन)
- ज्ञानेश्वरी (संस्कृत) प्रथम खंड (म.पा. ओक)
- ज्ञानेश्वरी सर्वस्व (न.चिं. केळकर)
- ज्ञानेश्वरी संशोधन (मधुकर रामदास जोशी)
- श्री ज्ञानेश्वरी-सार (पांडुरंग विनायक सोहोनी)
- ज्ञानेश्वरी सारामृत (मो.ग. मोघे)
- ज्ञानेश्वरी सुगम ओवीमय अनुवाद भाग-१ ते ४ .(नचिकेत प्रकाशन)
- ज्ञानेश्वरी (सुबोधिनी छायेसहित) (गोविंद रामचंद्र मोघे)
- श्री ज्ञानेश्वरी सुलभ गद्य रूपांतर (केशवरावमहाराज देशमुख)
- ज्ञानेश्वरी सेवा गौरव ग्रंथ (बळवंत गि. घाटे, मधुकर द. जोशी)
- ज्ञानेश्वरी सेवा गौरव ग्रंथ (शं.वा. दांडेकर)
- ज्ञानेश्वरी स्वतंत्रता (म.धु. धोंड)
- ज्ञानेश्वरी स्वरूप तत्त्वज्ञान आणि काव्य (म.वा. धोंड)
- ज्ञानेश्वरी ज्ञानकिरणे (अनेक भाग, मा. वि. वाकडे)
- ज्ञानेश्वरी - ज्ञानकिरणे (स्वामी माधवनाथ)
- अमृतवर्षिणी - ज्ञानेश्वरीचा मराठी पद्यानुवाद ( कढे, पुष्पलता भालचंद्र, ठाणे)
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- ज्ञानेश्वरी (मराठी विकिस्रोत)
- सम्पूर्ण ज्ञानेश्वरी
- ज्ञानेश्वरी (हिन्दी अनुवादक - पण्डित रघुनाथ माधव भगाड़े, बी०ए० ; १९२४ में प्रकाशित)
- श्री ज्ञानेश्वरी हिन्दी
- ज्ञानेश्वरी भगवद्गीता (अनुवादक - 'भारतीय योगी' ; प्रथम प्रकाशन संवत् २०२९)