जो तेरे मन–चित्त लग्गी जा

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जो तेरे मन–चित्त लग्गी जा  
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जो तेरे मन–चित्त लग्गी जा
लेखक यश शर्मा
देश भारत
भाषा डोगरी भाषा

जो तेरे मन–चित्त लग्गी जा डोगरी भाषा के विख्यात साहित्यकार यश शर्मा द्वारा रचित एक कविता–संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1992 में डोगरी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[1]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "अकादमी पुरस्कार". साहित्य अकादमी. मूल से 15 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 सितंबर 2016.